शराब,सिगरेट जैसे गैरजरूरी उत्पादों जितना शुल्क लगता है दूरसंचार कंपनियों पर:वोडाफोन आइडिया

punjabkesari.in Wednesday, Apr 17, 2019 - 09:17 PM (IST)

नई दिल्ली: वोडाफोन आइडिया कंपनी ने सरकार पर अरोप लगाया है। उनका कहना है दूरसंचार क्षेत्र को महत्वपूर्ण ढांचे की तरह नहीं समझा जाता। कंपनी का कहना है कि भारत में दूरसंचार क्षेत्र पर शराब और सिगरेट जैसे गैरजरूरी उत्पादों की तरह कर लगाया जाता है। वोडाफोन आइडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बालेश शर्मा ने कहा है कि दूरसंचार क्षेत्र पर 23 प्रतिशत सीमा शुल्क और 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है। 

वोड़ाफोन आइडिया का कुल कर्जा

वोडाफोन आइडिया पर करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी के मौजूदा शुद्ध कर्ज में 80 प्रतिशत स्पेक्ट्रम भुगतान से संबंधित है। शर्मा ने कहा कि हमने स्पेक्ट्रम के लिए काफी पैसा दिया है। इसी वजह से हमारी कंपनी ऊपर कर्ज का इतना बोझ है। इसके इलावा स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क (एसयूसी) और यूएसओएफ शुल्क और अन्य शुल्क देने पड़ते हैं। यह अत्यधिक कर का वातावरण बनाता है।

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डिजीटल इंडिया पर कंपनी के विचार

कंपनी का कहना है कि अगर सरकार डिजिटल इंडिया में भरोसा करती है। तो दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण ढांचागत बनाना होगा, और इस क्षेत्र में सुधार पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा महत्तम स्तर तक पहुंच गई है और अब इसके तर्कसंगत होने की उम्मीद है। शर्मा का कहना है कि सरकार को दूरसंचार उद्योग को कमाने वाली मशीन की तरह नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे महत्वपूर्ण ढांचा समझा जाना चाहिए। 

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दूरसंचार कंपनियों का कहना है राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी) में क्षेत्र में शुल्कों को तार्किक बनाने के लिए कई उपायों का वादा किया गया है। लेकिन अभी इसके नतीजे दिखाई नहीं दे रहे हैं।


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Yaspal

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