हरियाणा-पंजाब के चुनावों में डेरा सच्चा सौदा की रही है बड़ी भूमिका, हाजिरी लगाएंगे प्रत्याशी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 17, 2019 - 11:21 AM (IST)

अम्बाला (रीटा/ सुमन): हरियाणा व पंजाब के लोकसभा व विधानसभा चुनावों में डेरा सच्चा सौदा व अन्य डेरों की बड़ी भूमिका रही है। डेरों के संतों और बाबाओं के एक इशारे पर उनके लाखों अनुयायी एकमुश्त अपनी वोटें एक तरफ  डालते हैं जिसका प्रत्याशियों की जीत-हार पर काफी असर पड़ता है। शायद यही वजह है कि थोक वोटों की खातिर केवल प्रत्याशी ही नहीं बल्कि राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय स्तर के नेता भी डेरा मुखियों के दरबार में हाजिरी भरते रहे हैं। अब फिर डेरों की चौखटों पर नतमस्तक होने का मौसम आ गया है।

चुनावों में सबसे ज्यादा चर्चा में डेरा सच्चा सौदा रहता है। डेरे के लाखों भक्त हरियाणा के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व दिल्ली में हैं। हरियाणा के 20 जिलों में डेरे के करीब 350 नाम चर्चा घर हैं। उसके सबसे ज्यादा समर्थक सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, जींद व अम्बाला में हैं। अम्बाला लोकसभा क्षेत्र के हलके  अम्बाला शहर, नारायणगढ़, मुलाना, जगाधरी एवं पंचकूला में डेरा श्रद्धालुओं की तादाद ठीक-ठाक है।

डेरा के मुखिया गुरमीत इन दिनों साध्वी यौनशोषण मामले में जेल में है लेकिन कहा जा रहा है कि हमेशा की तरह डेरा मुखिया की सहमति से डेरे का राजनीतिक विंग चुनावों को लेकर इस बार भी कोई फैसला लेगा। 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में डेरे ने खुलकर भाजपा का समर्थन किया था। माना जाता है कि भाजपा की विधानसभा की करीब एक दर्जन सीटों की जीत में डेरे की बड़ी भूमिका रही। हालांकि डेरा मुखिया को जेल भेजने का फैसला अदालत का था फिर भी डेरा समर्थक इस वजह से भाजपा से कुछ खफा बताए जाते हैं। वैसे भाजपा के 2 मंत्रियों की डेरे में अच्छी पैठ मानी जाती है।

अभी हाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व इनैलो के नेता अभय चौटाला के डेरे का समर्थन लेने के बयान के बाद राज्य में डेरा राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस व जजपा भी डेरे का साथ लेने के लिए पूरी कोशिश कर सकती हैं। अभी हाल में डेरा के रणनीतिकरों ने स्थापना दिवस के नाम पर आधा दर्जन जिलों में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।


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Shivam

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