डाक विभाग को 15 हजार करोड़ का घाटा, BSNL और एयर इंडिया को पीछे छोड़ा

punjabkesari.in Tuesday, Apr 16, 2019 - 04:26 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत सरकार के स्वामित्व वाले उपक्रम इंडिया पोस्ट ने घाटे के मामले में अन्य सरकारी उपक्रमों बीएसएनएल और एयर इंडिया को भी पीछे छोड़ दिया है। वित्त वर्ष 2019 में इंडिया पोस्ट के रेवेन्यू और खर्च के बीच का अंतर 15,000 करोड़ रुपए के स्तर तक पहुंच गया। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं। सरकार के स्वामित्व वाले उपक्रमों (PSU) बीएसएनएल और एयर इंडिया ने वित्त वर्ष 18 में क्रमशः 8,000 करोड़ रुपए और 5,340 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया था।

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ऑपरेटिंग कॉस्ट बनी बड़ी समस्या
दूसरे सरकारी उपक्रमों की तरह इंडिया पोस्ट ऊंची ऑपरेटिंग कॉस्ट और कर्मचारियों को कम्पन्सेशन जैसी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। कई पे कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के कारण कर्मचारियों की सैलरी लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि पोस्टल सर्विसेस से रेवेन्यू गिरता जा रहा है।

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वेतन कॉस्ट रही 16620 करोड़ रु
वित्त वर्ष 19 में अलाउंस और वेतन की कॉस्ट लगभग 16,620 करोड़ रुपए रही, जबकि रेवेन्यू 18,000 करोड़ रुपए अर्जित हुआ। पीएसयू को अनुमान है कि वित्त वर्ष 20 में सैलरी और पेंशन पर खर्च क्रमशः 17,451 करोड़ रुपए और 10,271 करोड़ रुपए रहेगा, जबकि रेवेन्यू 19,203 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।

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वित्तीय संकट से बाहर निकलने की हो रही कोशिश
कंपनी वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए लगातार कोशिश कर रही है लेकिन प्रोडक्ट कॉस्ट और पारंपरिक मेलिंग सर्विसेस में उपलब्ध सस्ते विकल्पों के बीच असमानता के कारण इसमें नाकाम हो रही है। सूत्रों ने कहा कि इंडिया पोस्ट से अपनी 4.33 लाख इम्प्लाइज की वर्कफोर्स और 1.56 लाख पोस्ट ऑफिसेस के नेटवर्क के दम पर ई-कॉमर्स और अन्य वैल्यू एडेड सर्विसेस में संभावनाएं खंगालने के लिए कहा जा सकता है।

यूनिवर्सल सर्विसेस के चलते हो रहा घाटा
एक अधिकारी ने कहा, ‘पोस्टल सर्विस जैसी यूनिवर्सल सर्विसेस के चलते घाटा होगा, क्योंकि सभी कमर्शियल बैंकों की कुल बैंक शाखाओं की तुलना में पोस्ट ऑफिस की संख्या ज्यादा है।’ इंडिया पोस्ट अपने हर पोस्ट कार्ड पर 12.15 रुपए खर्च करता है लेकिन उसे सिर्फ 50 पैसे यानी लागत का 4 फीसदी ही मिलता है। उसकी पार्सल सर्विस, बुक पोस्ट, स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री के साथ भी ऐसा ही होता है।
 


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jyoti choudhary

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