अच्छा काम करने वाले रोडवेज ड्राइवर होंगे सम्मानित

punjabkesari.in Tuesday, Apr 16, 2019 - 02:18 PM (IST)

जींद (मलिक): हरियाणा सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत रोडवेज के उन चालकों को सम्मानित किया जाएगा, जो बसों की सही एवरेज निकालकर डिपो की आमदनी बढ़ाएंगे। चालकों को बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा हर डिपो से 5 चालकों के नाम मांगे जाएंगे। इसके अलावा उन चालकों को लताड़ भी मिलेगी, जो बसों की के.एम.पी.एल. आदि में सुधार नहीं कर पा रहे। अगर जींद डिपो के चालकों को यह सम्मान सरकार द्वारा हासिल करना है तो इसके लिए उन्हें रोडवेज की बसों की एवरेज 40 तक लेकर जानी होगी, जो इस समय 25 के आसपास रहती है। 

सरकार द्वारा डिपो ही नहीं, हरियाणा के लगभग सभी डिपो को घाटे में दिखाया जा रहा है। रोडवेज के डिपो को घाटे से उबारने और चालकों के मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने यह स्कीम बनाई है कि जो भी चालक रोडवेज बसों की सही एवरेज निकालकर डिपो की आमदनी बढ़ाने में सहयोग करेगा, उस चालक को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। सरकार की यह योजना अगर सिरे चढ़ जाती है तो इससे डिपो के घाटे को कम किया जा सकेगा। इसके साथ-साथ चालक-परिचालक के व्यवहार पर भी नजर रखी जाएगी।

अगर चालक-परिचालक द्वारा यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाता है तो रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या बढऩा लाजिमी है। अगर यात्रियों की संख्या बढ़ेगी तो रोडवेज बस की रिसीट अच्छी आएगी और इससे डिपो को फायदा होगा। इसके विपरीत अगर रोडवेज बस की एवरेज सही नहीं आई तो इसके कारणों का पता किया जाएगा। अगर इसमें कहीं न कहीं चालक का कसूर निकला तो उसे लताड़ा भी जाएगा। 

ओवरलोड होकर चलने से नहीं आ पा रही एवरेज: अनूप
हरियाणा कर्मचारी महासंघ के जींद डिपो के प्रधान अनूप लाठर ने कहा कि अच्छा काम करने वाले चालकों को सम्मानित करना सरकार की यह अच्छी पहल है लेकिन ऐसा तभी हो पाएगा, जब डिपो में बसों की संख्या पर्याप्त होगी। अब 14 लाख की आबादी पर महज 159 बसें ही रूटों पर दौड़ रही हैं। आबादी के हिसाब से रोडवेज बसों की संख्या बढऩी चाहिए लेकिन जींद डिपो में रोडवेज बसों की संख्या लगातार घट रही हैं। नई बसें मिलती नहीं और हर साल 10 से ज्यादा बसें कंडम हो रही हैं। इस समय डिपो की हालत यह है कि महज 159 बसों से ही काम चलाना पड़ रहा है। इसके अलावा लाठर ने कहा कि खराब सड़कों और ओवरलोङ्क्षडग की वजह से बसों की के.एम.पी.एल. में सुधार नहीं कर पाने के कारण चालकों को लताड़ नहीं लगनी चाहिए। 


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Shivam

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