मार्च में वनस्पति तेल का आयात 26% बढ़ा

punjabkesari.in Monday, Apr 15, 2019 - 05:47 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत के वनस्पति तेल का आयात मार्च के दौरान 26 प्रतिशत बढ़कर 14.46 लाख टन हो गया। इसकी वजह रिफाइंड पामतेल का आयात बढऩा है। रिफाइंड पामतेल के बढ़ते आयात पर चिंता व्यक्त करते हुए, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने मांग की है कि किसानों और साथ ही खाद्य तेल प्रसंस्करणकर्ताओं की संरक्षा के लिए कच्चे और रिफाइंड तेल के बीच शुल्क अंतर को बढ़ाया जाना चाहिए। 

एसईए ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2019 में खाद्य तेल का आयात बढ़कर 13,93,255 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 11,22,685 टन था। अखाद्य तेलों का आयात दोगुना होकर 53,302 टन हो गया जो पहले 23,366 टन था। एसईए ने कहा, 'एक जनवरी, 2019 से वित्त मंत्रालय ने पाम तेल पर आयात शुल्क कम कर दिया और इसके अलावा मलेशिया से आयात होने वाले कच्चे पामतेल और पामोलीन के बीच शुल्क अंतर को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया था।’

उसने कहा, 'जैसा कि अनुमान था, आशंकाएं सच साबित होने लगी हैं और भारत में मलेशिया से आरबीडी पामोलिन का आयात बढ़ गया है। मलेशिया से लिए गये सीपीओ (कच्चे पाम तेल) और पामोलीन के बीच शुल्क अंतर कम किए जाने से आरबीडी पामोलिन का आयात बढ़ रहा है जो दिसंबर 2018 के 1,30,000 टन के आयात से बढ़कर मार्च 2019 में 3,00,000 टन से अधिक हो गया।’ इस घटनाक्रम से भारत में पामतेल परिशोधन उद्योगों के लिए खतरे की घंटी होने की संभावना है।

एसोसिएशन ने कहा कि इस घटनाक्रम के कारण सरसों दाना की कीमत गंभीर रूप से प्रभावित हुई है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे चल रहा है इससे सरसों किसानों की आय प्रभावित होगी। इस स्थिति को संभालने के लिए एक जनवरी, 2019 से पहले प्रचलित सीपीओ और आरबीडी पामोलिन के बीच 10 प्रतिशत के शुल्क अंतर को बहाल करने की तत्काल आवश्यकता है। एसईए ने कहा, 'नवंबर 2018 से मार्च 2019 के दौरान वनस्पति तेलों का समग्र आयात 63,09,406 टन हो गया जो पिछले साल 59,31,829 टन का हुआ था।'
 


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jyoti choudhary

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