जिस कमेटी को मिली जांच की जिम्मेदारी, उसी पर खड़े हुए सवाल

punjabkesari.in Monday, Apr 15, 2019 - 12:40 PM (IST)

करनाल (काम्बोज): आई.टी.आई. छात्रों पर पुलिस द्वारा की गई बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज के मामले में 3 दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं, इस मामले में जो कमेटी गठित की गई है, उसी पर सवाल खड़े होने लगे हैं। लाठीचार्ज के समय जो एस.डी.एम. मौके पर मौजूद था, उसी को जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। पुलिस द्वारा लाठीचार्ज जैसे कार्रवाई की जांच पुलिस ही कर रही है तो इससे कमेटी से इंसाफ की क्या उम्मीद लगाई जा सकती है।

कैंडल मार्च से डरा प्रशासन, नहीं दी अनुमति
यूथ फोर स्वराज के हरियाणा संयोजक रविंद्र कुमार ने बताया कि यूथ फार स्वराज आई.टी.आई. के छात्र की मौत पर बस स्टैंड से कमेटी चौक तक कैंडल मार्च निकालना चाहते थे। जिसके लिए प्रशासन की तरफ से अनुमति मांगी गई थी, मगर पहले, तो अनुमति की शर्त रखने रखी गई और बाद में अचानक से अनुमति नामंजूर कर दी गई। रविंद्र ने आई.टी.आई. के छात्र-छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज को खट्टर सरकार का तानाशाहीपूर्ण रवैया करार दिया और इसे लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी की हत्या बताया।

एस.पी., डी.एस.पी. का किया जाए तबादला
आई.टी.ओ. वैल्फेयर एसोसिएशन हरियाणा ने पुलिस द्वारा आई.टी.आई. में घुसकर की गई लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में ङ्क्षनदा की और सरकार से मांग की है कि एस.पी. और घटना में मौजूद डी.एस.पी. व एस.एच.ओ. का तुरंत प्रभाव से तबादला किया जाए।


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