कामदा एकादशी: स्वर्ग लोक में अपना स्थान बनाने के लिए शाम को करें ये काम

punjabkesari.in Monday, Apr 15, 2019 - 11:00 AM (IST)

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कामदा एकादशी इतनी शुभ फलदाई है की उसके स्मरण मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। इस दिन किए गए पूजन से जो फल मिलता है वह गंगा, काशी, नैमिषारण्य तथा पुष्कर क्षेत्र में दर्शन करने से भी प्राप्त नहीं होता। सिंह राशि के बृहस्पति होने पर तथा व्यतीपात और दण्डयोग में गोदावरी स्नान से जिस अमोघ फल की प्राप्ति होती है वही फल भगवान श्री कृष्ण की अर्चना से मिलता है। जो मनुष्य समुद्र और वन सहित सारी पृथ्वी का दान करता है तथा जो ‘कामदा एकादशी एकादशी’ का व्रत करता है। वे दोनों जातक ही एक समान फल के भागी होते हैं। आज रात को जागरण करने से यमदूत का दर्शन नहीं होता और न ही कभी दुर्गति को प्राप्त हुआ जा सकता है। 

PunjabKesariविशेष- 12 राशियों के जातक दिन-रात महामंत्र का जाप करें, " हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।। "
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कामदा एकादशी के दिन कुछ ऐसे अनुपम उपाय हैं, जिनसे सभी दोषों का निवारण होगा, मनोनुकूल फलों के साथ सभी कामनाएं पूर्ण होंगी। 

PunjabKesariमेष: शुद्ध घी में सिंदूर मिलाकर भगवान विष्णु के चित्र के आगे दीपक जलाएं ।

वृष: श्री कृष्ण के चित्र पर माखन का भोग लगाएं।
  
मिथुन: भगवान वासुकीनाथ पर मिश्री का भोग लगाएं।

कर्क: दूध में हल्दी मिलाकर भगवान नारायण के चित्र पर अर्पित करें। 

सिंह: भगवान मदनगोपाल के चित्र पर गुड़ का भोग लगाएं।

कन्या: भगवान वेणुगोपाल पर तुलसी पात्र अर्पित करें।

तुला: श्री हरी के चित्र पर मुल्तानी मिटटी का लेप लगाएं।

वृश्चिक: दही में शहद मिलाकर श्री राधेश्याम के चित्र पर अर्पित करें।

धनु: भगवान नंद गोपाल के चित्र पर चने का प्रसाद चढ़ाएं।

मकर: श्री गोविंद के चित्र पर लौंग इलाइची का तांबूल चढ़ाएं।

कुंभ: भगवान नारायण के चित्र पर नारियल मिश्री चढ़ाएं।

मीन: भगवान विष्णु के चित्र पर केसर से तिलक करें।

PunjabKesariये उपाय 12 राशियों के जातक कर सकते हैं- एकादशी के दिन सांझ ढले दीप दान करने से प्राप्त होने वाले असंख्य पुण्यों का लेखा-जोखा तो चित्रगुप्त भी नहीं जानते। एकादशी के दिन भगवान श्री कृष्ण के सम्मुख जिसका दीपक जलता है, उसके पितर स्वर्गलोक में स्थित होकर अमृतपान से तृप्त होते हैं। घी या तिल के तेल से भगवान के सामने दीपक जलाकर मनुष्य देह त्याग के पश्चात करोड़ो दीपकों से पूजित हो स्वर्ग लोक में जाता है।   
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Niyati Bhandari

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