कांग्रेस ने आखिरी समय में रोका कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल का नाम

punjabkesari.in Monday, Apr 15, 2019 - 10:36 AM (IST)

चंडीगढ़/अम्बाला (बंसल /रीटा/ सुमन): कांग्रेस ने प्रदेश से अपने आधा दर्जन महारथियों को मैदान में उतार दिया है जबकि 4 सीटों पर अभी भी मंथन चल रहा है। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की केंद्रीय चयन समिति ने भाजपा के नायब सैनी के मुकाबले में कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल के नाम पर मोहर लगा दी थी, लेकिन आखिरी समय में उनका नाम रोक लिया गया। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक नवीन ने अभी तक इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी है। मुश्किल यह है कि यहां कांग्रेस के पास कोई और ऐसा हैवीवेट नेता नहीं है जो भाजपा प्रत्याशी नायब सैनी को कांटे की टक्कर दे सके। 

पूर्व मंत्री निर्मल सिंह पर भी विचार!
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि यदि जिंदल चुनाव नहीं लड़ते तो कांग्रेस कलायत के निर्दलीय विधायक जयप्रकाश या फिर पूर्व मंत्री निर्मल सिंह को मैदान में उतारने पर विचार कर सकती है। कहा जा रहा है कि निर्मल सिंह भी शायद ही इसके लिए तैयार हों। वह अम्बाला छावनी से 2 बार स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के खिलाफ  चुनाव लड़ चुके हैं और अब तीसरी बार लडऩे की तैयारी में हैं। कुरुक्षेत्र से 2 बार इनैलो व एच.एल.डी. (आर) के टिकट पर सांसद रही कैलाशो सैनी अब कांग्रेस में हैं उनका नाम उम्मीदवारों के पैनल में तो नहीं गया, लेकिन राजनीति में पता नहीं होता कि कब किसकी लाटरी निकल आए।

वैसे भी सैनी समाज का कुरुक्षेत्र में अच्छा खासा वोट बैंक है। करनाल से भाजपा ने वर्षों से पार्टी के संगठन का काम देख रहे संजय भाटिया को टिकट दिया है लेकिन कांग्रेस में अभी भी दुविधा की स्थिति है। 2014 में अरविंद शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा था। भाजपा ने अब उन्हें रोहतक से अपना प्रत्याशी बना दिया है। अब कांग्रेस में विधान सभा अध्यक्ष रहे कुलदीप शर्मा के नाम पर मंथन जारी है।

करनाल से कुलदीप के बेटे चाणक्य पंडित व वीरेंद्र मराठा के नाम पर भी विचार हो सकता है। कांग्रेस आलाकमान सोनीपत सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लड़ाना चाहती है लेकिन उन्होंने अभी तक हां नहीं भरी है। हुड्डा को यहां से पार्टी का सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है।  कांग्रेस के लिए हिसार सीट की स्थिति भी सोनीपत जैसी है। कुलदीप बिश्नोई यहां से कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवार माने जाते हैं। 2014 में भी वह यहां से हरियाणा जनहित कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। तब दुष्यंत चौटाला यहां से विजयी हुए थे। बाद में बिश्नोई कांग्रेस में शामिल हो गए थे, अब पार्टी कुलदीप को यहां से चुनाव लडऩा चाहती है जबकि वह अपने बेटे भव्य बिश्नोई को मैदान में उतारना चाहते हैं। माना जा रहा है कि आखिरकार अपने राजनीतिक वजूद के लिए कुलदीप को यहां से चुनाव लडऩा ही पड़ेगा।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

kamal

Recommended News

Related News

static