चाहते हैं बुलंद हो किस्मत के सितारे तो आज ही बदलें घर के पर्दे

punjabkesari.in Saturday, Apr 13, 2019 - 02:14 PM (IST)

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अगर देखा जाए तो पर्दों का इस्तेमाल तो हर घर में होता ही है। बहुत सारी जगहों पर इनका प्रयोग अलग-अलग तरीके से किया जाता है। आधुनिक जीवन शैली में घरों को निखारने के लिए अनेकों रंगों, डिजाइनों व कलात्मक-शैली का प्रयोग किया जाता है। आज के समय में हर कोई अपने घर को सजाने के लिए कुछ न कुछ चीज़ों को उपयोग में लाता है। इसके लिए वे पर्दों का चुनाव करने के लिए भी पीछे नहीं हटते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आप अपने घर की आंतरिक सज्जा में पर्दों का प्रयोग करते समय वास्तु शास्त्र के नियमों को ध्यान में रखें तो ड्राइंगरूम, लॉबी, बालकनी से लेकर सभी कमरों में सकारात्मक वास्तु ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है? अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं कि कैसे वास्तु के नियमों को ध्यान में रखकर पर्दों को काम में लाया जा सकता है। 
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पर्दे घर की पूर्व, उत्तर व पूर्वोत्तर दिशाओं में प्रयोग करें और इस बात का ध्यान रखें कि वे ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी हो। यदि इन दिशाओं में कोई बेडरूम बना हो तो उसके लिए हल्के-फुल्के सौम्य, सैल्फ डिजाइन वाले पारदर्शी पर्दों का चयन भी किया जा सकता है।

पारदर्शिता की श्रेणी में आधुनिक शैली में सीप, कौड़ी, कपड़े, कागज़ या रिबन आदि के बने झालरनुमा पर्दे भी आते हैं। इन सभी का प्रयोग आप अपनी पूर्व व उत्तर दिशाओं की बालकनी, पोर्च, प्रवेश द्वार के भीतर बड़ी आसानी से कर सकते हैं।

वास्तु के अनुसार घर की लॉबी को ब्रह्म स्थान भी कहा जाता है और इसे वास्तु के पंच तत्वों में से आकाश तत्व की संज्ञा दी जाती है। यहां पारदर्शी झालरें दो स्थानों को अलग-अलग हिस्से में बांटने का काम कर सकती हैं और साथ ही यह आपके घर की सुंदरता भी बढ़ा सकती हैं।
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अगर बात की जाए पर्दों के डिजाइन के बारे में तो उत्तर दिशा में प्रयोग किए जा रहे पर्दे क्षैतिज (हॉरीजैंटल) लहरों वाले पर्दों का ही प्रयोग करें। ऐसा माना जाता है कि इससे परिवार के सदस्यों को करियर में सफलता मिलेगी। खड़ी लाइनों या पट्टियों के डिजाइनों वाले पर्दों का प्रयोग घर की पूर्व दिशा में करना चाहिए।

दक्षिण दिशा में लगाने वाले पर्दों का डिजाइन त्रिकोण वाला होना चाहिए, जिसका नुकीला भाग ऊपर की ओर हो। ऐसा माना जाता है कि ऐसे पर्दों से घर वालों में आपसी प्रेम बढ़ता है। 

पश्चिम दिशा में कुछ ऐसी खिड़कियां या दरवाजे हों तो वहां गोलाकार डिजाइन के पर्दे लगाना बेहतर रहेगा। 
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पूर्व दिशा में हरा, दक्षिण दिशा में लाल, पश्चिम दिशा में सफेद, गोल्डन, सिल्वर आदि तथा उत्तर दिशा में नीले रंग की प्रमुखता वाले रंग या डिजाइन के पर्दों के प्रयोग से चारों दिशाओं की अपनी प्रकृति से सामंजस्य रखने वाले रंग पूरे परिवार में सामंजस्य बनाने में सहयोगी सिद्ध होंगे।


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