Ram navmi 2019 : ये है श्री राम के जन्म लेने का रहस्य

punjabkesari.in Saturday, Apr 13, 2019 - 10:27 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)

तुलसीदास जी श्री राम चरित मानस में लिखते हैं- जब-जब होई धर्म कै हानि। बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी। तब तब प्रभु धरि बिबिध सरीरा। हरहि कृपानिधि सज्जन पीरा।।

जब-जब धर्म का ह्रास होता है और नीच अभिमानी राक्षस बढ़ जाते हैं और वे ऐसा अन्याय करते हैं कि जिसका वर्णन नहीं हो सकता। महादेव जी मां पार्वती जी से कहते हैं कि तब वे कृपानिधान प्रभु भांति-भांति के दिव्य शरीर धारण कर सज्जन पुरुषों की पीड़ा हरते हैं। यही अपने भक्तों को आनंद प्रदान करने वाले प्रभु श्री राम जी के जन्म लेने का कारण है। क्षीर सागर में शयन करने वाले प्रभु के इसी पावन यश को गा-गाकर भक्तजन भवसागर से तर जाते हैं।

PunjabKesariभगवान श्री कृष्ण स्वयं श्री गीता जी में कहते हैं- ‘‘जन्म कर्म में दिव्यमेवं’’

अर्थात- मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं।

जो इस प्रकार जान लेता है, उसका दोबारा जन्म नहीं होता।

परित्राणाय साधनां विनाशाय च दुष्कृताम। धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे।।
साधु पुरुषों का उद्धार करने तथा पाप और अधर्म करने वालों का विनाश करने और मानवीय समाज के हितों की रक्षा करने वाले धर्म की स्थापना करने के लिए मैं युग-युग में प्रकट होता हूं।

तुलसीदास जी कहते हैं कि भगवान भोलेनाथ जी मां भवानी को प्रभु श्री राम के निर्गुण तथा सगुण स्वरूप की महिमा बताते हुए कहते हैं- ‘‘सगुनहि अगुनहि नहिं कछु भेदा। गाविंह मुनि पुरान बुध बेदा।।’’

PunjabKesari‘‘निर्गुण और सगुण में कुछ भी भेद नहीं हैं- मुनि, पुराण, पंडित और वेद सभी ऐसा कहते हैं। जो निर्गुण, निराकार और अजन्मा है वही भक्तों के प्रेमवश सगुण हो जाता है।’’

शिव पार्वती से बोले- राम नाम ‘विष्णु सहस्रनाम के समान है।’
मैं सदा राम का स्तवन करता हूं और रामनाम में ही रमण करता हूं। भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।  इस रहस्य पर प्रभु नारायण स्वयं श्री गीता जी में कहते हैं ‘‘अतोऽस्मि लोके वेदे च प्रथित: पुरुषोत्तम :।।’’

मैं क्षर और अक्षर से अतीत होने के कारण सर्वोत्तम हूं इसलिए संसार में तथा वेदों में पुरुषोत्तम रूप में विख्यात हूं। वेदांतवेद्य, यज्ञेश, पुराण पुरषोत्तम, जानकीवल्लभ शरणागतवत्सल हैं जिनकी कृपा से अहिल्या, जटायु, बाली का उद्धार हुआ जिनकी कृपा से विभीषण और सुग्रीव के संकट दूर हो गए।'

PunjabKesari‘‘आपदामपहर्तारं दातारं सर्व संपदाम। लोकाभिरामं श्री रामं भूयो-भूयो नमाम्यहम्।।’’
मैं इस समस्त विश्व के सबसे परम सुंदर एवं प्रिय भगवान श्री राम को बारम्बार नमन करता हूं जो सभी आपदाओं को दूर करने वाले तथा सुख-संपत्ति प्रदान करने वाले हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News