Women Health: 20 के बाद रूटीन में जरूर करवाएं 10 Health Checkup

punjabkesari.in Wednesday, Apr 10, 2019 - 04:58 PM (IST)

महिला हेल्थ : बढ़ती उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं में सेहत से जुड़ी परेशानियां भी शुरू हो जाती हैं। 30 की उम्र के बाद महिलाओं में ब्लड प्रैशर, शुगर, जोड़ों का दर्द, पाचन क्रिया में गड़बड़ी और शारीरिक कमजोरी आम देखने को मिलती है लेकिन अगर पहले ही रेगुलर चेकअप (Regular Checkup) करवाएं जाए तो इनकी रोकथाम आसानी से की जा सकती है। दरअसल, कम उम्र में किसी भी बीमारी से शरीर जल्दी रिकवरी कर लेता है। ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं हेल्थ चेकअप (Women Health Chekup) करवाएं।

चलिए आज हम आपको बताते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए महिलाओं 20 से 30 की उम्र के बाद कौन-कौन से हेल्थ चेकअप रेगुलर करवाने चाहिए।

महिलाओं के हेल्थ चेकअप

ब्‍लड प्रेशर टेस्‍ट (Blood Pressure Test)

30 की उम्र के बाद बीपी की समस्या हो जाती है। वहीं हाई ब्लड प्रेशर किडनी, हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ाता है। ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं हफ्ते में 1 बार ब्लड प्रेशर चेक जरूर करें।

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लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid Profile Test)

दिल का हाल जानने के लिए आपको लिपिड प्रोफाइल टेस्ट भी समय-समय पर करवाना चाहिए। आमतौर पर यह टेस्ट सामान्य आने पर हर 2 साल में एक बार टेस्ट करवाने को कहा जाता है। वहीं अगर आपको मोटापा, दिल से जुड़ी बीमारी या डायबिटीज है तो साल में एक बार ये टेस्ट करवाने को कहा जाएगा। 

 

सीबीसी (कंप्लिट ब्लड टेस्ट) (Complete Blood Test)

एनीमिया, इंफेक्शन और कैंसर का समय पर पता लगाने के लिए 20 के बाद से ही सीबीसी यानि कंप्लिट ब्लड टेस्ट करवाना शुरू कर दें। भारतीय महिलाओं को सीबीसी टेस्ट करवाना चाहिए क्योंकि इस उम्र के बाद उनमें आयरन की कमी अधिक देखी जाती है।

 

थायराइड टेस्ट (Thyroid Test)

शोध के अनुसार, पुरूषों के मुकाबले महिलाएं 3 गुणा ज्यादा थायराइड की शिकार होती है। ऐसे में हाइपोथायराइडिज्म और हाइपरथायराइडिज्म का पता लगाने के लिए 20 की उम्र के बाद थायराइड टेस्ट जरूर करवाएं। बता दें कि अगर प्रेग्नेंसी के दौरान मां को थायराइड हो तो भी बच्चे को ऑटिज्‍म की बीमारी हो सकती है।

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पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear Test)

पैप स्मीयर टेस्ट शरीर में होने वाले प्री-कैंसर कारक के बदलावों का पता लगाता है। महिलाओं को 20-21 की उम्र से ही यह टेस्ट शुरू करवा देना चाहिए, खासकर सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं को।

 

कैल्शियम और विटामिन डी टेस्ट (Calcium and Vitamin D Test)

पुरूषों के मुकाबलें महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा अधिक रहता है इसलिए उनके लिए और अहम हो जाता है। इन टेस्ट में खून की जांच करके बोन मेटाबॉलिज्म को देखा जाता है। वहीं अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं तो टेस्ट के बाद विटामिन बी12 और फोलिक एसिड का सेवन करना शुरू कर दें।

 

एसटीडी टेस्ट (यौन संचारित संक्रमण) (STD Test)

शादी के बाद यानि सेक्सुअली एक्टिव होने के बाद हर महिला को एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी जैसे यौन संचारित इंफैक्शन की जांच भी करवानी चाहिए। अगर आप प्रेग्नेंसी की तैयारी कर रहीं है तब तो यह टेस्ट करवाना और भी जरूरी हो जाता है।

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रेक्टल एक्जाम (Rectal Exam Test)

30 की उम्र के बाद महिलाओं को रेक्टल एक्जाम यानि लीवर का टेस्ट (Liver Test) भी जरुर कराना चाहिए। महिलाओं में रेक्टल इंजरी, कैंसर और बवासीर जैसी समस्याएं होने का खतरा 30 की उम्र के बाद बढ़ जाता है। ऐसे में यह टेस्ट करवाकर आप समय पर इलाज कर सकती हैं।

 

एसटीडी स्क्रिनिंग (STD Screening Test)

असुरक्षित यौन संबंध बनाने पर संक्रमण का खतरा हो सकता है। यौन संक्रमित बीमारियों के कारण गोनोरिया, पेल्विक इंफ्लेमेंट्री डिजीज हो सकती है, जिससे सर्विक्स कैंसर हो सकता है। ऐसे में हर 6 महीने में महिलाओं को एसटीडी स्क्रिनिंग करवानी चाहिए।

 

डिप्रेशन टेस्‍ट (Depression Test)

बिजी शेड्यूल और तनावभरी जिंदगी के चलते महिलाएं डिप्रेशन की चपेट में आ जाती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट करवाएं। इसमें डॉक्टर कुछ सवाल पूछता है, जिससे महिलाओं का डिप्रैशन कम हो सकता है। वहीं अगर आप प्रेग्नेंसी में तनाव और उदासी से जूझ रही है तो काउं‍सलर के पास जाएं।

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Content Writer

Anjali Rajput

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