Loksabha Election 2019: किस्सा कुर्सी का, बात महाकाल नगरी 'उज्जैन' लोकसभा सीट की

3/24/2019 6:04:19 PM

उज्जैन: महाकाल नगरी के नाम से मशहूर उज्जैन लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। इस सीट से बीजेपी के सत्यनारायण जटिया ने सबसे ज्यादा बार जीत दर्ज की है। फिलहाल इसी सीट पर बीजेपी के चिंतामणि मालवीय सांसद हैं। उज्जैन मध्य प्रदेश का वो शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। जिसे महाकाल नगरी के नाम से जाना जाता है। इतिहास के पन्नों में यह शहर विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी भी रह चुका है। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां क्षिप्रा और चंबल नदी के मिलने वाले स्थान पर हर 12 साल पर सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। यहां स्थित महाकालेश्वर की मान्यता भारत के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में है। 

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उज्जैन लोकसभा सीट का इतिहास 

वर्ष 1957 में यहां पर पहला लोकसभा चुनाव हुआ था। उस वक्त कांग्रेस के व्यास राधेलाल ने भारतीय जनसंघ के भार्गव कैलाश प्रसाद को हराया था। इसके बाद 1962 में हुए लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को ही यहां से जीत मिली थी। 1967 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई। परिसीमन के बाद 1967 में यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई। इसके अगले 3 चुनाव में भी कांग्रेस को यहां पर लगातार हार ही नसीब हुई। लेकिन 1984 में कांग्रेस ने एक बार फिर उज्जैन लोकसभा सीट पर वापसी की और सत्यनारायण पवार यहां से सांसद चुने गए। लेकिन इस जीत को सत्यनारायण 1989 में दोहरा नहीं सके और इस बार वे हार गए। बीजेपी के सत्यनारायण जटिया ने इस सीट पर जीत दर्ज की। 

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सत्यानारायण जटिया इस जीत के बाद रुके ही नहीं औऱ वे लगातार 6 बार उज्जैन से सांसद चुने गए। लेकिन वर्ष 2009 में कांग्रेस को लंबे समय बाद सफलता हाथ लग ही गई और प्रेम चंद ने जटिया को मात दे दी। हालांकि वर्ष 2014 मोदी लहर का साल था और इस बार फिर से यह सीट बीजेपी के पास ही चली गई। 2014 में बीजेपी के चिंतामणी मालवीय ने कांग्रेस के प्रेमचंद को हरा दिया। उज्जैन लोकसभा सीट पर 7 बार बीजेपी तो चार बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। अगर हम विधानसभा सीटों के हिसाब से देखें तो यहां पर सात विधानसभा सीटें हैं। जिसमें से चार पर कांग्रेस तो तीन पर बीजेपी का कब्जा है। 

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उज्जैन की जनसंख्या 22,90,606 है। यहां की 36.51% आबादी शहरी क्षेत्र तो 63.49% आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है। यहां पर 26% आबादी अनुसूचित जाति और 2.3% आबादी अनुसूचित जनजाति की है। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनाव में उज्जैन में 15,25,481 मतदाता थे। इसमें से 7,90,889 पुरूष मतदाता तो 7,34,592 महिला मतदाता थीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 66.63% मतदान हुआ था।

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लोकसभा चुनाव 2014 का परिणाम

वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का फायदा चिंतामणी मालवीय को भी मिला और उन्होंने यहां से जीत दर्ज की। मालवीय को जहां 6,41,101 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस के प्रेमचंद को 3,31,438 वोट प्राप्त हुए। वहीं इस सीट पर बसपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे। 

 

लोकसभा उम्मीदवार

राजनीतिक दल

 वोट

वोट प्रतिशत

प्रो. चिंतामणी मालवीय

बीजेपी

6,41,101

63.85%

प्रेमचंद

कांग्रेस

3,31,438

33.01%

रामप्रसाद जाटव

बसपा

9,969

0.99%



लोकसभा चुनाव 2009 का परिणाम 

वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू ने बीजेपी के 6 बार के जीतने वाले सत्यानारायण जटिया को हराया था। प्रेमचंद को जहां 3,26,905 वोट तो सत्यनारायण को 3,11,064 वोट मिले थे। वहीं बसपा इस सीट पर तीसरे स्थान पर रही थी। 
 

लोकसभा उम्मीदवार

राजनीतिक दल

 वोट

वोट प्रतिशत

प्रेमचंद गुड्डू

कांग्रेस

326905

48.97%

सत्यनारायण जटिया

बीजेपी

311064

46.60%

बाबूलाल थावलिया

बसपा

9224

1.38%

 

बता दें कि उज्जैन लोकसभा सीट में 2014 में जीत के बावजूद चिंतामणी मालवीय का टिकट 2019 लोकसभा चुनाव के लिए काट दिया गया है। जिसका फायदा कांग्रेस उठा सकती है। 

 


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Vikas kumar

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