कान्हा नेशनल पार्क में बाघ ने बाघ को मारकर खाया, तस्वीरें आई सामने
3/24/2019 12:06:05 PM
मंडला: कुछ दिन पहले कान्हा नेशनल पार्क में मृत बाघिन का शव क्षत-विक्षत पाया गया था तो कयास लगाए जा रहे थे कि किसी बाघ ने ही उसे खाया होगा। लेकिन शुक्रवार को कान्हा टाइगर रिजर्व के रेंजरों ने ऐसा नजारा देखा कि वे हैरान रह गए। एक बाघ दूसरे बाघ के शव को खा रहा था। यह पहला मौका था जब गश्ती दल ने ऐसा होते हुए न केवल अपनी आंखों से देखा बल्कि उसे कैमरे में भी कैद किया।
वन्य अधिकारियों के अनुसार, कान्हा के किसली रेंज में मगरनाला इलाके में टी56 नाम के बाघ ने टी36 बाघ को मार डाला था। कान्हा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति जानकारी देते हुए कहा कि 'जो बाघ मारा गया वह हमलावर से दो साल बड़ा था। ये बात साफ है कि यह इलाके को लेकर हुई लड़ाई का नतीजा था। हमलावर बाघ मृत बाघ के शरीर की रखवाली कर रहा था। हम उसके बर्ताव पर नजर रखे हुए थे।' वन्यकर्मी मृत बाघ के शव को कब्जे में नहीं ले पाए क्योंकि बाघ उसे छोड़ नहीं रहा था।
बता दें कि, बाघ द्वारा बाघ के मारे जाने की घटना पिछले तीन महीने में पांचवीं बार हुई है। जो वन्य अधिकारियों के लिए चिंता का विषय है। विशेषज्ञों की मानें तो जब कोई जीव अपनी ही प्रजाति के जीव को खाए तो उसे अंग्रेजी में कैनिबलिज्म या स्वजाति भक्षण कहते हैं। जब वन्य विभाग के कर्मचारियों से पूछा गया कि क्या भोजन की कमी के कारण ऐसे मामले सामने आ रहे हैं तो कृष्णमूर्ति का कहना है कि कान्हा में बाघों के लिए खाने को पर्याप्त शिकार है। हालांकि वन्य अधिकारी यह भी कहते हैं कि अपने इलाके की रक्षा के लिए बाघ एक-दूसरे को मार रहे हैं, लेकिन ये भी बाघों की इस आदत पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
कांन्हा नेशनल पार्क में लगातार बाघों की हो रही मौते चिंता का विषय बना हुआ है। 19 जनवरी बाघ ने बाघइन को मार कर खाया था तथा इसी बाघ ने 16 मार्च को एक शावक को खा लिया था। जिसके बाद मध्यप्रदेश के वन्यजीव विभाग हरकत में आया और संरक्षित इलाकों में रह रहे बाघों में कैनिबलिज्म की घटनाओं पर शोध शुरू करवा दिया।