डा. उमेश भारती ने पद्मश्री अवार्ड ज्वाला मां को किया समर्पित

punjabkesari.in Thursday, Mar 21, 2019 - 03:31 PM (IST)

ज्वालामुखी (नितेश/कौशिक): चिकित्सा के क्षेत्र में रैबीज का सस्ता इलाज खोजने पर पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद डा. उमेश भारती अपने पैतृक घर ज्वालाजी परिवार सहित पहुंचे। उन्होंने अपनी मां पुष्पा शर्मा को यह अवार्ड समर्पित किया। इस बीच उन्होंने अपनी पत्नी अर्चना फुल्ल के साथ मां ज्वालाजी के दरबार में शीश नवाया और पद्मश्री अवार्ड को मां ज्वाला को भी समर्पित किया। डा. उमेश भारती ने कहा कि वह भारत सरकार के धन्यवादी हैं, जिन्होंने उनके काम को सराहा और इतना बड़ा पुरस्कार दिया। 
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डा. उमेश भारती ने इस सम्मान पर खुशी जताते हुए कहा कि अच्छे काम के बदले सम्मान पाने के लिए आवेदन कोई अर्हता नहीं है। उन्होंने कहा कि रैबीज से बचाव का इलाज यदि पूरी दुनिया में लागू हो जाए तो इस समय जो रैबीज से बचाव का इलाज हो रहा है, पूरे देश में उससे 10 गुना कम खर्चे पर सबको यह इलाज मिलेगा। यही नहीं, इस इलाज से कई जानें बचेंगी। उन्होंने कहा कि रैबीज से बचाव का इलाज सभी राज्यों में लागू किया जाना चाहिए। कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी में जन्मे डा. उमेश भारती (50) वर्तमान में स्टेट एपीडिमियोलॉजिस्ट के पद पर शिमला में कार्यरत हैं।

मात्र 350 रुपए रह गई है इलाज की लागत

डा. भारती तकरीबन 17 वर्षों से इस पर मेहनत कर रहे थे और बेंगलुरु के निमहांस (नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ मैंटल हैल्थ एंड न्यूरोसाइंस) से उनके शोध को तकनीकी स्वीकृति मिलने पर इस पद्धति का इस्तेमाल देश के सभी राज्यों में पागल कुत्तों, बंदरों व अन्य जानवरों के काटने पर इलाज के लिए हो रहा है। इससे रैबीज के इलाज की लागत 35 हजार रुपए से घट कर मात्र 350 रुपए रह गई है।


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Ekta

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