भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए सत्ता से टकरा गए थे ASP सागर चन्द्र

punjabkesari.in Thursday, Mar 21, 2019 - 09:33 AM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): 10 लाख रुपए की राशि के साथ आर.टी.ओ. नालागढ़ को रंगे हाथों पकड़ने वाले विजीलैंस एवं एंटीकरप्शन ब्यूरो के सागर चन्द्र शर्मा एक वर्ष के भीतर ही भ्रष्टाचार के अनेक मामलों को उजागर कर चुके हैं। गगरेट में मिट्टी के तेल की अवैध डंपिंग को पकड़ने और सत्ता से टक्कर लेने वाले सागर चन्द्र शर्मा पर उस समय तबादले की गाज भी गिरी थी लेकिन वह अपने मिशन से बिल्कुल भी विचलित नहीं हुए। प्रदेश भर में मिट्टी के तेल की कालाबाजारी पर की गई कार्रवाई के कारण सागर चन्द्र शर्मा चर्चा में आए थे। उस समय वह ऊना में बतौर डी.एस.पी. सी.आई.डी. के पद पर कार्यरत थे। एक सूचना के आधार पर गगरेट में मिट्टी के तेल की अवैध डंपिंग पर न केवल कार्रवाई की बल्कि वह उस समय तक डटे रहे जब तक पूरी कार्रवाई खत्म नहीं हुई। 

तबादला होने के बाद उन्होंने चम्बा के डल्हौजी में बतौर डी.एस.पी. भी बेहतर सेवाएं प्रदान की। एक मार्च, 2018 को एक बार फिर से सागर चन्द्र को ए.एस.पी. विजीलैंस ऊना का दायित्व सरकार द्वारा सौंपा गया। भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने वाले ए.एस.पी. ने अब तक एक वर्ष के भीतर 9 ट्रैप लगाकर अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ सेना में भर्ती करने के नाम पर राशि ठगने वाले एक जालसाज को भी दबोचकर उसका भंडाफोड़ किया है। मंगलवार को ऊना में आर.टी.ओ. नालागढ़ ओम प्रकाश पुरी को विजीलैंस की जांच को प्रभावित करने की एवज में 10 लाख रुपए की नकदी देते हुए रंगे हाथों पकड़ने वाले ए.एस.पी. ने इसके लिए पूरा प्लान तैयार किया था।

खनन माफिया से ली थी टक्कर

अम्ब में बतौर डी.एस.पी. के दौरान भी सागर चन्द्र खनन माफिया से खुली टक्कर लेने के मामले में काफी चर्चित हो चुके हैं। ऑफिस में आई शिकायतों पर गोपनीय ढंग से काम करते हैं। यही कारण है कि जब तक ट्रैप नहीं होता तब तक इसकी किसी को कानों-कान खबर नहीं होती है। विजीलैंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो के ए.एस.पी. पद पर तैनात सागर चन्द्र चाहते तो 10 लाख रुपए की राशि की भनक तक नहीं लगने देते लेकिन उन्होंने ईमानदार अधिकारी का परिचय दिया जिससे न केवल आरोपित अधिकारी रंगे हाथों इतनी बड़ी राशि के साथ पकड़ा गया बल्कि इससे कई और राज भी अब सामने आएंगे। ए.एस.पी. सागर चन्द्र कहते हैं कि वह अपने दायित्व का निर्वहन करते हैं। कोई भी पद मिले वह अपनी ड्यूटी को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। जब भी कोई शिकायत भ्रष्टाचार को लेकर उनके कार्यालय पहुंचती है तो उस पर पूरी मुस्तैदी के साथ गोपनीय ढंग से कार्रवाई की जाती है। ए.एस.पी. लोगों से आह्वान करते हैं कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर सामने आएं।

राजस्व, स्वास्थ्य, पुलिस एवं ट्रांसपोर्ट विभाग में भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा किया

पिछले एक वर्ष में ए.एस.पी. ने ट्रैप के जरिए राजस्व, स्वास्थ्य, पुलिस एवं ट्रांसपोर्ट विभाग में भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा किया है। वर्ष 2018 में विजीलैंस में रहते हुए ए.एस.पी. सागर चन्द्र ने ट्रैप के 7 केस दिए थे जिनमें से 5 जिला ऊना तथा एक-एक मामला कांगड़ा और चम्बा जिला का भी शामिल था। मैहतपुर में एक पटवारी को 8 हजार रुपए, जिला ऊना के बाथड़ी में कानूनगो व पटवारी को 8 हजार रुपए की राशि के साथ, लठियाणी में पटवारी को 8 हजार रुपए, क्षेत्रीय चिकित्सालय ऊना के असिस्टैंट सुपरिंटैंडैंट को 50 हजार रुपए, पंडोगा पुलिस चौकी के हैड कांस्टेबल को एक लाख रुपए के साथ ट्रैप किया था। इसी प्रकार चम्बा के पांगी में बी.डी.ओ. आफिस में तैनात जे.ई. को एक लाख 30 हजार रुपए के साथ ट्रैप किया था। ए.एस.पी. विजीलैंस ने इसी वर्ष सेना में भर्ती के नाम पर युवाओं से ठगी करने वाले करनाल से संबंधित एक एजैंट को 2 लाख 60 हजार रुपए की नकदी व चैक के साथ पकड़ा था। ऊना में आर.टी.ओ. तैनात ओम प्रकाश पुरी के खिलाफ एक वायरल वीडियो के आधार पर रिश्वत लेने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत नामजद किया था। इसी केस में अब उस अधिकारी को 10 लाख रुपए की राशि के साथ ट्रैप किया है।


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Ekta

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