जमानत याचिका रदद् करने पर सत्र न्यायाधीश चम्बा को कारण बताओ नोटिस, पढ़ें क्या है मामला

punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2019 - 11:10 PM (IST)

शिमला: कोर्ट की कार्यवाही के दौरान मात्र आरोपी के मुंह से निकलने वाली शराब की गंध उसकी जमानत याचिका को रद्द करने का आधार नहीं हो सकती है। उपरोक्त टिप्पणी करते हुए न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने कहा कि यह समझना मुश्किल है कि सत्र न्यायाधीश ने किस प्रावधान व कानून के अंतर्गत प्रार्थी की याचिका को रद्द कर दिया। अगर जमानत याचिका को रद्द ही करना था तो इसे केवल कानून के प्रावधानों के अंतर्गत ही रद्द किया जा सकता था। हाईकोर्ट ने साथ ही सत्र न्यायाधीश चम्बा को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह पूछा है कि उन्होंने किस प्रावधान के तहत प्रार्थी की जमानत को रद्द कर दिया।

याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश

याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार जब मामला गवाही के लिए सत्र न्यायाधीश चम्बा की अदालत की समक्ष लगा था तो सत्र न्यायाधीश ने पाया कि प्रार्थी के मुंह से शराब की गंध आ रही है। सत्र न्यायाधीश ने प्रार्थी की जमानत को यह कहकर रद्द कर दिया कि प्रार्थी का व्यवहार इन हालातों में अदालत के समक्ष संतोषजनक नहीं है और वह जमानत के लिए अदालत की विवेकाधीन जैसी राहत का आनन्द उठाने का अधिकार नहीं रखता है। इस कारण सत्र न्यायाधीश ने उसकी जमानत याचिका को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश भी दिए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vijay

Recommended News

Related News