समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, चारों आरोपी बरी
punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2019 - 05:50 PM (IST)
पंचकूला (उमंग): करीब 12 साल पुराने हरियाणा के जिले पानीपत में हुए समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के मामले में एनआईए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पाकिस्तानी महिला राहिला की उस याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही इस मामले में असीमानंद सहित चारों मुख्यारोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी महिला वकील ने याचिका में यह कहा था कि उनके पास घटना से जुड़े कुछ और सबूत और गवाह हैं, जिन्हें कोर्ट के अंतिम फैसले से पहले कोर्ट के सामने रखना चाहते हैं। लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसके लिहाजन अब पाकिस्तानी गवाहों को गवाही देने का मौका नहीं मिलेगा। 18 मार्च की सुनवाई में एनआईए कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने अपना-अपना पक्ष रखा था। समझौता ब्लास्ट में अपने पिता को खोने वाली राहिला वकील के अर्जी को एनआईए कोर्ट ने खारिज किया है। राहिला वकील ने अपने एडवोकेट मोमिन मलिक के जरिए इस केस में अर्जी दाखिल कर गवाही देने की अनुमति मांगी थी।
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट की साजिश की पूरी कहानी
18 फरवरी 2007 को भारत-पाकिस्तान के बीच हफ्ते में दो दिन चलनेवाली ट्रेन संख्या 4001 अप अटारी (समझौता) एक्सप्रेस में दो आईईडी धमाके हुए, जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा रात 11.53 बजे दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दिवाना रेलवे स्टेशन के पास हुआ। धमाकों की वजह से ट्रेन में आग लग गई और इसमें महिलाओं और बच्चों समेत कुल 68 लोगों की मौत हो गई जबकि 12 लोग घायल हुए। 19 फरवरी को जीआरपी/एसआईटी हरियाणा पुलिस ने मामले को दर्ज किया और करीब ढाई साल के बाद इस घटना की जांच का जिम्मा 29 जुलाई 2010 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए को सौंपा गया।
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