राशि नहीं मिलने पर लोगों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2019 - 02:36 PM (IST)

गुहला-चीका (पंकेस): प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत पात्र लोगों को राशि न मिलने से सैंकड़ों परिवारों ने आज फिर सरकार व नपा प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व धीरा व महिला शांति देवी कर रही थी। धीरा सिंह, शांति देवी, महिंद्र सिंह, गुरमेल सिंह, रमेश, रणधीर सिंह, सुनील कुमार, गजे सिंह, जसवीर सिंह, संजीव कुमार, प्रवीण, कृष्ण देवी, राजपति, रोशनी देवी, मूर्ति देवी, मेजर सिंह, साहब सिंह, केलो, बीरमति, संतरो, नैबो देवी, सतपाल, मोहित, राजपति देवी, टीटा सिंह, छोटा, नरेश कुमार, मनजीत सिंह, नानू राम, गोपी चंद, मूर्ति देवी, मनोज कुमार व संजीव कुमार ने बताया कि उन्हें यह योजना के तहत पक्के मकान बनाने के लिए ग्रांट देने का सरकारी योजना के तहत लोगों को पैसा देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन लोगों ने पिछले 2 वर्षों से सभी कागजात पूरे कर दिए लेकिन अधिकतर लोगों को आज तक उक्त योजना का पूरा पैसा नहीं मिला। 

उन्होंने बताया कि सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए गरीब परिवारों ने अपने कच्चे व पुराने घर भी गवां दिए लेकिन अब इन गरीबों की न तो कोई सुनने वाला है और न ही उन्हें उक्त योजना के तहत कोई राशि मिलने की आशा है। लोगों ने नपा अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्हें 6 महीनों से दफ्तरों के चक्कर कटवाए जा रहे हैं और वे जब भी मकान के लिए मिलने वाली राशि के संबंध में नपा कार्यालय आते हैं तो अधिकारी सीटों से नदारद मिलते हैं।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकानों के लिए मिलने वाली राशि देने हेतु फार्म भरवाए थे और नोटिस देकर यह भी कहा गया था कि मकान गिरवाकर इसे नींव भरकर डी.पी.सी. पर छोड़ दो और उसके बाद उक्त योजना के तहत मिलने वाली राशि लाभ पात्रों के खाते में भेज दी जाएगी। उन्होंने बताया कि उनसे एक-एक हजार रुपया जहां वसूला गया है, वहीं अस्थायी नक्शा भी नगरपालिका कार्यालय में बनवाकर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो ऐसे हैं जिन्होंने मकान की नींव भर डी.पी.सी. तक लाकर मकान के फोटो चित्र भी नपा कार्यालय में थमा दिए हैं लेकिन फिर भी पैसा नहीं मिल रहा। प्रदर्शनकारियों ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, चुनाव आयोग हरियाणा, डी.सी. कैथल तथा भारत सरकार को पत्र लिखकर सारी स्थिति बारे अवगत करवाया है। योजना के एक पात्र संजीव कुमार ने बताया कि नगरपालिका अधिकारियों के कहने पर उन्होंने अपने पुराने मकान ढहा दिए और राशि जल्दी मिलने की उम्मीद में कुछ परिवार किराए पर रहने चले गए तो कुछ ने धर्मशालाओं में आसरा ले लिया लेकिन कुछ परिवार तो आज भी खुले आसमान के नीचे अपने परिवारों के साथ गुजारा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के पास किराया देने के पैसे नहीं थे वे छतों की जगह तिरपाल डालकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। 


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Deepak Paul

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