गोवा की भाजपा सरकार ने जीता बहुमत, CM प्रमोद सावंत के पक्ष में पड़े 20 वोट

punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2019 - 02:29 PM (IST)

पणजीः गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गोवा विधानसभा में बुधवार को सदन में हुए शक्ति परीक्षण में भाजपा नीत सरकार का बहुमत साबित कर दिया। मुख्यमंत्री सावंत के नेतृत्व वाली दो दिन पुरानी सरकार का विधानसभा में 20 विधायकों ने समर्थन किया जबकि 15 विधायकों ने इसका विरोध किया। राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने सोमवार देर रात सावंत के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद सदन का विशेष सत्र बुधवार साढ़े 11 बजे बुलाया था। बता दें कि लम्बी राजनीतिक खींचतान के बाद मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली जबकि राज्य में पहली बार दो उप मुख्यमंत्रियों-जीएफपी प्रमुख विजय सरदेसाई तथा एमजीपी विधायक सुदिन धावलिकर को भी शपथ दिलाई गई।
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किसके कितने सदस्य
भाजपा के 11 विधायकों के अलावा गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) एवं महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के तीन -तीन तथा तीन निर्दलीय विधायकों ने सावंत का समर्थन किया। विधानसभा सत्र की अध्यक्षता उपाध्यक्ष माइकल लोबो ने की। कांग्रेस के सभी 14 विधायकों और राकांपा के एक विधायक ने प्रस्ताव का विरोध किया। विश्वास मत जीतने के बाद सावंत ने सभी विधायकों से अपील की कि वे राज्य के हर कोने में विकास कार्यों को पहुंचाने के लिए उनके साथ मिलकर काम करें।
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रात 2 बजे सावंत ने ली शपथ
सावंत (45 वर्ष) को सोमवार काफी देर रात में 11 मंत्रियों के साथ शपथ दिलवाई गई थी। उन्होंने पार्रिकर का स्थान लिया है जिनका अग्नाशय कैंसर के कारण रविवार को निधन हो गया था। सावंत पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक और आरएसएस के समर्पित कार्यकर्त्ता हैं। नई सरकार में जिन मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, वे पार्रिकर मंत्रिमंडल में भी शामिल थे।
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इन मंत्रियों को दिलाई गई शपथ
जिन मंत्रियों को शपथ दिलवाई गई उनमें मौविन गोडिन्हो, विश्वजीत राणे, मिलिंद नाईक एवं नीलेश कबराल (सभी भाजपा), पालेकर एवं जयेश सालगांवकर (दोनों जीपीएफ), मनोहर अजगांवकर (एमजीपी) तथा निर्दलीय रोहन खुंटे एवं गोविंद गवाड़े शामिल हैं।
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शाह-गडकरी की अहम भूमिका
पार्रिकर के निधन के बाद राज्य में सत्ता भाजपा के पास ही बरकरार रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पर्दे के पीछे काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे जुड़े घटनाक्रमों से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी। राज्य विधानसभा के 2017 में हुए चुनाव के बाद भी जब भाजपा को बहुमत नहीं मिला था तो गडकरी यहां आए थे। उन्होंने छोटे दलों से बातचीत कर उन्हें मनाया और समर्थन देने के लिए राजी करवाया। इसके बाद ही पार्रिकर के नेतृत्व में भाजपा नीत गठबंधन सरकार बनी थी।

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Seema Sharma

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