इन शहरों की होली में है कुछ अलग बात !
punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2019 - 01:39 PM (IST)
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जैसे कि सब जानते हैं कि हर जगह होली के त्यौहार की धूम मची हुई है। वैसे तो देश के कोने-कोने में ये त्यौहार मनाया जाता है लेकिन बताया जाता है कि कुछ शहरों की होली की बात तो निराली है। तो चलिए जानते हैं उन शहरों के बारे में जहां होली कुछ अलग ही अंदाज़ से मनाई जाती है।
सबसे पहले बात करते हैं कि मथुरा-वृंदावन की फूलों की होली की जो न केवल भारत में प्रसिद्ध है बल्कि कई विदेशों में भी काफी प्रचलित है। यहां होली का उत्सव एक-दो दिन नहीं बल्कि पूरे हफ्ते तक मनाया जाता है।
मथुरा-वृंदावन की ही तरह बरसाना की होली देखने के लिए भी देश-विदेशों से लोग आते हैं। यहां रंगों के साथ-साथ लठ्ठमार होली खेली जाती है। जिसका इतिहास श्रीकृष्णु से जुड़ा हुआ है। बता दें कि यहां तीन दिनों तक लठ्ठमार होली खेली जाती है।
शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में बोलपुर के पास एक छोटा शहर स्थित है जो कोलकाता के उत्तर में स्थित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस शहर का निर्माण प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने करवाया था। साथ ही उन्होंने यहां विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। बताया जाता है कि यहां सांस्कृतिक और पारंपरिक अंदाज में गुलाल और अबीर से होली खेली जाती है।
कहते हैं मुंबई का धारावी वहां की झुग्गी-झोपिड़यों के लिए अधिक मशहूर है। परंतु आप को बता दें कि यहां के बच्चे बहुत ही मस्त अंदाज में होली का लुत्फ उठाते हैं। तो अगर भी इस होली का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो यहां जाना न भूलें।
होली का त्यौहार हिंदू लोगों के साथ-साथ सिक्खों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। पंजाब के आनंदपुर साहिब में होली के रंग कुछ अलग ही होते हैं। यहां होली को होला मोहल्ला के नाम से मनाया जाता है।
अब बात करते हैं उदयपुर की होली की। कहते हैं अगर किसी की शाही अंदाज़ में होली मनाने का मन हो तो उसे जीवन में एक बार उदयपुर में जाकर होली ज़रूर मनानी चाहिए।
वैसे तो ये त्यौहार रंगों का माना जाता है लेकिन दिल्ली में रंगों से साथ यहां सुरों की महफ़िलें भी लगती हैं। यहां संगीत की अलग ही प्रकार की धूम देखने के मिलती है। बल्कि यहां होली पर विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम भी आयोजित किए जाते हैं।
जयपुर की होली की बात करें तो यहां होली पर हाथियों को सजाकर उनकी परेड निकाली जाती है। कहा जाता है कि रंग-बिरंगे रंगों से सजे इन हाथियों को देखकर बहुत हगी अच्छी अनुभूति का अहसास होता है। परंतु बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से इस परेड को एनिमल राइट्स के कारण बंद कर दिया गया है।
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