स्वदेशी पिचकारी व रंग बना लोगों की पहली पसंद

punjabkesari.in Tuesday, Mar 19, 2019 - 04:17 PM (IST)

जींद (ललित): होली पर्व पर इस बार लोगों को हाथों से गुलाल लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मार्कीट में इस तरह की पिचकारी आई है कि रंगों की तरह पिचकारी गुलाल को फैंकने का काम करेगी। शहर के बाजार में होली और दुलहंडी को लेकर रंग, गुलाल और पिचकारियां दुकानों पर सज गई हैं। खास बात यह है कि रंग, गुलाल और पिचकारी स्वदेशी हैं। मार्कीट में आई खास किस्म की रंगों की तरह गुलाल फैंकने वाली पिचकारी लोगों की पसंद बन रही है।

होली पर्व में भले ही एक दिन शेष है लेकिन दुकानदारों को अच्छी कमाई की उम्मीद है। दुकानदारों की मानें तो होली पर सेल में उनको कोई फर्क नहीं पड़ता। होली से 15 दिन पहले खरीदारी शुरू हो जाती थी लेकिन अब लोग 2-3 दिन पहले ही होली के सामान की खरीदारी करते हैं। मार्कीट में गुलाल भी हरा, पीला, लाल, हरा और अन्य रंगों में उपलब्ध है। दुकानदारों के अनुसार इस बार गुलाल में किसी प्रकार का कैमिकल नहीं है। हर्बल गुलाल ही लोगों की पहली पसंद बन रहा है। मार्कीट में जितनी भी पिचकारी और रंग, गुलाल हैं, वह स्वदेशी हैं। 

जगह-जगह सजने लगी दुकानें
होली पर्व जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे शहर के मुख्य मार्गों और कालोनियों में बनी दुकानों में रंग, गुलाल और पिचकारी सजने लगी है। दुकानदारों को इस बार अच्छे बिजनैस की उम्मीद है। संजीव कुमार के अनुसार हर साल बिजनैस बराबर रहता है। फर्क केवल इतना है कि पहले लोगों में होली को लेकर जोश 15 दिन पहले शुरू हो जाता था। हर मोहल्ले, हर गली में लोग 15 दिन पहले होली के रंग में रंगे नजर आते थे, लेकिन अब होली का पर्व केवल 2 या 3 दिन का ही रह गया है। लोगों के पास समय का अभाव है, लेकिन होली पर सेल पिछले सालों की तरह जारी है। 2-3 दिन में ही लोग सारे गुलाल और पिचकारियों को खरीद लेते हैं। 


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Deepak Paul

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