मौसम के बदलाव में वायरल बुखार ने पसारे पांव

punjabkesari.in Tuesday, Mar 19, 2019 - 03:12 PM (IST)

रोहतक : मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण वायरल बुखार ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। आलम यह है कि पी.जी.आई. और सामान्य अस्पताल में मरीजों की संख्या सामान्य से दोगुना तक बढ़ गई है। इतना ही नहीं, शहर के निजी अस्पताल भी वायरल के मरीजों से भरे पड़े हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इस मौसम में अतिरिक्त एहतियात बरतने की जरूरत है। हमारी जरा-सी लापरवाही स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है।

मौसम के बदलाव का बच्चों पर असर अधिक देखने का मिल रहा है। ऐसे में शिशु रोग विभाग की ओ.पी.डी. में मरीजों की भारी भीड़ पहुंच रही है। वायरल बुखार ने इस वक्त घर-घर में पांव पसार लिए हैं। हालात यह हैं कि नवजात से लेकर छोटे बच्चे, बुजुर्ग तक चपेट में आ चुके हैं। पी.जी.आई. से लेकर सिविल और निजी अस्पतालों में भारी भीड़ है। चिकित्सकों का कहना है कि यदि सावधानी बरती जाए तो वायरल बुखार से बचा जा सकता है। जिसमें सबसे बड़ी सावधानी है कि आप हाथ मिलाने से परहेज करें। क्योंकि हाथ मिलाने से संक्रमण तेजी से फैलता है। सुबह और रात की सर्दी और दिन में गर्मी के साथ बदल रहे मौसम के मिजाज से बीमारियों का प्रकोप बढऩे लगा है। पी.जी.आई. और सिविल अस्पताल में वायरल बुखार, खांसी-जुकाम के मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है।

खांसी-जुकाम से होती है शुरूआत
जब मौसम में बदलाव होता है तो वायरल इंफैक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण कॉमन कोल्ड या जुकाम हो जाता है और नाक बंद हो जाता है। इसके अलावा छींके आने लगती हैं और खांसी भी हो सकती है। कई बार कुछ लोगों में गला खराब होने की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में मौसम के बदलाव के समय आपको इन इफैक्शन्स से बचना चाहिए और साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि बदलते मौसम में सबसे अधिक फीवर का खतरा रहता है।

अपने पहनावे पर रखें ध्यान 
डाक्टरों का कहना है दिन में तो मौसम गर्म होता है, पर सुबह व रात में पहनावे पर ध्यान रखना चाहिए। दिन में लोग घर से कम कपड़े पहनकर निकलते हैं और शाम को घर पहुंचते समय मौसम ठंडा हो जाता है। इसके साथ ठंडी चीजों से परहेज रखें। बच्चों को सुबह होते ही बैड से उठकर सीधे बाहर न जाने दें। सुबह फर्श पर नंगे पांव चलने से बचें। सर्दी के मौसम में पानी का ज्यादा से ज्यादा मात्रा में सेवन करें।

जीवाणु हो जाते हैं अधिक एक्टिव
ठंड के बाद गर्मी के शुरू में वायरल इंफैक्शन के जीवाणु ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। इसके कारण कई तरह की बीमारियां हमें घेर लेती हैं। इस परिवर्तन के लिए हम तैयार नहीं रहते हैं। इसलिए जुकाम, बुखार, छींक, नाक बहना आदि कई परेशानियां हो जाती हैं। सर्दी और गर्मी के मौसम में बदलाव की वजह से अक्सर वायरल बुखार लोगों को चपेट में ले लेता है। चिकित्सकों का कहना है कि हमें घरेलू नुस्खों के बजाय जल्द ही विशेषज्ञों के मुताबिक इलाज लेना चाहिए। क्योंकि आम जनता पहले तो वायरल इंफैक्शन से बचाव के लिए घरेलू नुस्खों में फंस जाते हैं लेकिन बाद में तकलीफ बढऩे के बाद वे चिकित्सकों के पास पहुंचते हैं। ऐसे में वे काफी परेशान हो जाते हैं। मरीज शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान होने के कारण कमजोरी का भी शिकार हो जाता है। जिस कारण उसे स्वस्थ होकर सामान्य जीवन शुरू करने में काफी समय लग जाता है।


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Deepak Paul

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