विभिन्न रंगों से सजा लुहणू मैदान, देश के विभिन्न राज्यों से आए लोग

punjabkesari.in Monday, Mar 18, 2019 - 06:35 PM (IST)

बिलासपुर (मुकेश): विभिन्न रंगों से सजा लुहणू मैदान परिसर और रंग बिरगें फूलों से सजा मुख्य प्रवेश द्वार। यह नजारा है बिलासपुर के लुहणू मैदान में आयोजित आजीविका सरस मेले का। रविवार को सरस मेले का उद्घाटन जिलाधीश विवेक भाटिया ने किया। लुहणू मैदान में बिछी लाल रंग की सुनहरी कालीन और उस पर आते-जाते लोग मेले के बीचोंबीच बना एक भव्य पंडाल लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। मेले में विभिन्न राज्यों से आए उद्यमी अपने साथ अपने प्रदेश की कला संस्कृति और उत्पादों को लेकर पंहुचे हंै। शुभारम्भ के पहले दिन बिलासपुर वासी बड़ी संख्या में मेले में पहुंचे और शुभारम्भ कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए।

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हली बार लुहणू मैदान में आजीविका सरस मेले का आयोजन किया

मेले का शुभारम्भ करते हुए उपायुक्त विवेक भाटिया ने कहा कि बिलासपुर में आजीविका द्वारा पहली बार लुहणू मैदान में आजीविका सरस मेले का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को आगे बढऩे और आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने के लिए सरस मेला लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के ग्रामीण परिवेश से उत्पादित वस्तुओं की बिक्री मेले में होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी लोगों की गांव के देशी उत्पादों के प्रति आस्था बनी हुई है, महिलाएं स्वयंसेवी समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहीं हैं।

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इन राज्यों के लगे हैं स्टॉल

उन्होंने कहा कि आजीविका सरस मेला हस्तशिल्प, लोककलाकृति व संस्कृति का एक अनूठा संगम है जहां देश के विभिन्न राज्यों के कई रंग एक ही स्थान पर देखने और दिखाने का अवसर मिलता है। उन्होंने बताया कि सरस मेला 17 से 27 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरस मेले में कुल 78 स्टॉल तथा 10 फूड कोर्ट स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बतया कि मेले के प्रथम दिन 10 राज्यों के जिसमें पश्चिम बंगाल का एक, बिहार के 6, हिमाचल के 47, पंजाब के 3, महाराष्ट्र के 4, उत्तर प्रदेश के 6, मध्य प्रदेश के 6, मेघालय के 3, हरियाणा के 3, छत्तीसगढ़ के 2 प्रदर्शिनी के स्टॉल लगे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों और छोटे-छोटे उद्यमियों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प और लोक कलाकृति के तहत खादी, हैंडलूम, शिल्क के वस्त्र के अतिरिक्त आचार, आग्रेनिक फूड, श्रृगांर व आभूषण व चमड़े से निर्मित सामान, आयुर्वैदिक जड़ी-बूटी, ड्राइफ्रूट विभिन्न प्रकार के नमकीन, वूलन प्रोडक्ट के अतिरिक्त अन्य वस्तुएं प्रदर्शिनी और बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने बताया कि सरस मेले में प्रवेश नि:शुल्क है और मेले में स्वच्छता बनाए रखने के लिए व्यापक प्रबन्ध किए गए हैं और प्लास्टिक मुक्त बनाया गया है।

समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को सीधे तौर पर ग्राहकों तक पहुंचाया जाए

इस मौके पर उपनिदेशक डी.आर.डी.ए. संजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सरस मेले जैसे आयोजन ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़ी अनेकों गतिविधियों को बढ़ावा देने में अत्यंत कारगर भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि सरस मेले के आयोजन का उदे्श्य यह है कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को सीधे तौर पर ग्राहकों तक पहुंचाया जाए ताकि बिचौलियों की भूमिका शून्य रहे। उन्होंने बताया कि इससे न केवल ग्राहकों को सस्ते दामों पर सामान ही उपलब्ध होता है अपितु स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी में भी बढ़ौतरी होती है।

 


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Kuldeep

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