पैंक्रियाज कैंसर बना मनोहर पर्रिकर की मौत का कारण, जानिए बीमारी के 8 संकेत

punjabkesari.in Monday, Mar 18, 2019 - 01:16 PM (IST)

गोवा के मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च को निधन हो गया। बता दें कि वह पैंक्रियाज कैंसर से जूझ रहे थे, जिसके कारण धीरे-धीरे उनकी तबीयत बिगड़े लगी और आखिर में वह इस दुनिया को अलविदा कह गए। पैंक्रियाज कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जिसके लक्षण शुरुआती स्टेज में सामने नहीं आते। चलिए आपको बताते हैं इस बीमारी के लक्षण व कारण, जिससे आप समय रहते इससे बचाव कर सकते हैं।

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पाचन तंत्र का अहम हिस्सा है पैंक्रियाज

अग्नाशय या पैंक्रियाज पाचन तंत्र का बेहद अहम हिस्सा है। यह हमारे खाने को ऊर्जा में बदलने का काम करता है। यह पेट में अंदर की तरफ की तरफ होता है और इस अंग की सेहत खराब होने का मतलब है शरीर को ऊर्जा मिलने का पूरा सिस्टम ही बिगड़ जाना।

 

कैसे होता है यह कैंसर?

पैंक्रियाज शरीर का सबसे जरूरी अंग है, जो शरीर के लिए पैंक्रियाज जूस, हार्मोन और इंसुलिन बनाती हैं। इसमें कैंसर की स्थिति तब डिवेलप होती है जब पैंक्रियाज के सेल काउंट में तेजी से वृद्धि होने लगे। ऐसे में अनियंत्रित कोशिकाएं ना सिर्फ ट्यूमर बनाने लगती है बल्कि यह ब्लड स्ट्रीम के जरिए शरीर के अन्य हिस्सों पर आक्रमण करती है, जिससे ऑर्गन फेलियर व मौत भी हो सकती है।

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2 प्रकार का होता है यह कैंसर

कैंसर पैंक्रियाज के एक्सोक्राइन व एंडोक्राइन हिस्से में पनपता है। एक्सोक्राइन कैंसर पैन्क्रियाटिक ग्लैंड के अंदर होता है वहीं एंडोक्राइन ट्यूमर उस हिस्से में होता है, जो शरीर के लिए हार्मोन प्रड्यूस करता है। 

 

बीमारी के लक्षण

पैंक्रियाज कैंसर के लक्षण क्रिटिकल बनने तक नहीं दिखते। साथ ही इसके शुरूआती लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं। यहा कारण है कि ज्यादा मरीजों को इसका समय रहते पता नहीं चल पाता। ऐसे में बचाव का सबसे जरूरी तरीका है कि आप यह लक्षण दिखने पर तुरंत चेकअप करवाएं

 

पेट और पीठ में दर्द रहना 

अचानक वजन में कमी आ जाना 
पाचन संबंधी समस्या 
बार-बार बुखार आना 
भूख न लगना 
त्वचा का रूखापन बढ़ना 
बेचैनी बने रहना या उल्टी होना 
पीलिया 
पेल या ग्रे मल 
हाई ब्लड शुगर 

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बीमारी के रिस्क फैक्टर

इस कैंसर का एक कारण जहां गलत लाइफस्टाइल है वहीं जागरूकता की कमी के कारण भी यह बीमारी आखिरी स्टेज तक पहुंच जाती है। हालांकि इसकी सही वजह अभी तक पता नहीं चल पाई है। मगर ऐसे कई रिस्क फैक्टर्स हैं, जो व्यक्ति को इस कैंसर का शिकार बना देती हैं। इनमें स्मोकिंग, जेनेटिक्स, मोटापा, ज्यादा देर बैठे रहने की आदत, डायबीटीज आदि शामिल हैं। इसके अलावा पैंक्रियाज कैंसर रेड मीट और चर्बी वाले आहार का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से भी होता है।

 

इलाज

पैंक्रियाज कैंसर का इलाज सर्जरी या कीमो के जरिए होता है, जिसमें विपल प्रसीजर (Whipple procedure), डिसटल पैंक्रियाटेक्टमी (Distal pancreatectomy), टोटल पैंक्रियाटेक्टमी (Total pancreatectomy) और कीमोथेरपी शामिल है। इन सर्जरी में पैंक्रियाज के साथ शरीर के कुछ छोटे अंगों को निकाल दिया जाता है।

 

इस बीमारी से बचाव

-इस बीमारी से बचे रहना चाहते हैं तो डाइट में ताजे फलों का रस व हरी सब्जियां शामिल करें। इससे अग्नाशय कैंसर से लड़ने में सक्षम होगा और आप इससे बचे रहेंगे।
-अपने आहार में कम से कम मात्रा में रेड मीट व वसा वाले आहार खाएं।
-ब्रोकली में मौजूद फाइटोकेमिकल्स कैंसर की कोशिकाओं से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही ब्रोकली एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण खून को साफ रखने में भी मदद करती है।
-ग्रीन टी, लहसुन, सोयाबीन और एलोवेरा का सेवन भी इस बीमारी से बचाने में काफी मददगार होता है।

 


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Content Writer

Anjali Rajput

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