धान की फसल के लिए निकाला जाता बेहिसाब पानी भविष्य में खतरे का संकेत

punjabkesari.in Monday, Mar 18, 2019 - 10:29 AM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र): पंजाब के अन्य जिलों की ही तरह होशियारपुर जिले में भी जिस तेजी से ग्राऊंड वाटर का लैवल नीचे गिर रहा है।  इससे आने वाले दिनों में वॉटर एमरजैंसी जैसे आसार बनने की आशंका प्रबल हो रही है। धान की फसल के लिए भू-जल का ज्यादा दोहन करने की वजह से जमीन के पानी का लैवल साल दर साल गिर रहा है। वर्तमान में हालात ये हैं कि जिले के 10 में से 4 ब्लॉक टांडा, दसूहा, हाजीपुर व गढ़शंकर जल संकट के कगार पर हैं, वहीं भू-जल उपलब्धता के लिहाज से होशियारपुर वन व तलवाड़ा ब्लॉक क्रिटिकल जोन में शामिल है, जो भविष्य में खतरे का संकेत है।

होशियारपुर में हर साल 1.20 मीटर गिर रहा है वाटर लैवल
कृषि विभाग की भू-जल शाखा के पिछले 10 वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले के हर ब्लॉक में वर्ष 2006 से 2017 की अवधि में भू-जल का स्तर गिरावट पर रहा है। अत्याधिक दोहन वाले चारों ब्लाकों में भू-जल का रिचार्ज से ज्यादा दोहन किया जाता है। यानि जितना पानी जमीन में जाता है उससे ज्यादा निकाल लिया जाता है। रही बात होशियारपुर की तो शहर का वाटर लैवल भी जिस तेजी से गिर रहा है यह आने वाले समय के लिए खतरे की निशानी है। हर साल ग्राऊंड वाटर सैल पंजाब की रिपोर्ट के अनुसार होशियारपुर में हर साल 1.20 मीटर वाटर लैवल गिर रहा है। ऐसे में यदि हम नहीं सुधरे तो आने वाले 10 सालों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

होशियारपुर जिले के ब्लॉक में वाटर लैवल की स्थिति
ग्राऊंड वाटर सेल के रिपोर्ट के अनुसार होशियारपुर जिले के 4 ब्लॉक में स्थिति काफी भयावह है। डार्क जोन में शामिल होशियारपुर के हाजीपुर ब्लॉक में औसतन 8.8 मीटर से लेकर 23.50 मीटर, दसूहा में 7.62 मीटर से 23.07 मीटर, टांडा में 4.80 मीटर से 20.25 मीटर वाटर लैवल नीचे गिर गया है। इसी तरह क्रिटिकल जोन में होशियारपुर-1 ब्लॉक में इस समय वाटर लैवल औसतन 21.40 मीटर से लेकर 23.70 मीटर और तलवाड़ा ब्लॉक में यह औसत 8.27 मीटर से लेकर 22.50 मीटर है। इसी तरह अभी तक सेफ ब्लॉक में शामिल होशियारपुर-2 का वाटर लैवल औसतन 13.20 मीटर से 58.40 मीटर, मुकेरियां का 2.65 मीटर से 4.40 मीटर, भुंगा का 2.50 मीटर से 21.20 मीटर व माहिलपुर ब्लॉक का वाटर लैवल 17.40 मीटर से लेकर 34.10 मीटर दर्ज किया गया है।

शहरी क्षेत्र में समस्या ज्यादा
होशियारपुर शहर की आबादी इस समय 2 लाख के करीब है जिसकी प्यास बुझाने के लिए इस समय शहर में सरकारी विभागों व नगर निगम के करीब 8 
दर्जन से भी ज्यादा ट्यूबवैल लगे हैं।शहरी क्षेत्र के वाटर लैवल गिरने की मुख्य वजह जगह-जगह कंक्रीट व पक्की सड़क होने की वजह भी है, जिससे बारिश का पानी जमीन में सोखने के बजाए नालियों व चो से होकर बह जाता है और वाटर लैवल रिचार्ज नहीं हो पाता है।

इसलिए हो रहे हैं नगर निगम के ट्यूबवैल खराब
होशियारपुर में ट्यूबवैल की संख्या लगातार बढ़ने के बावजूद पानी की कमी की समस्या आने की कई वजहों में से एक वजह है लगे हुए ट्यूबवैल का वाटर लैवल नीचे गिर जाना। निगम के ट्यूबवैल औसतन 600 फुट पर लगाए जाते हैं। बोर में पहले 300 फुट तक लोहे का माल डाला जाता है, 300 फुट के नीचे फिल्टर पी.वी.सी. पर लगाया जाता है। जैसे ट्यूबवैल वाटर सप्लाई करता है, पी.वी.सी. का साइज बड़ा होने लगता है। इससे ट्यूबवैल की उम्र कम होती जाती है। यही कारण है निगम के ज्यादातर ट्यूबवैल लंबे समय तक सही नहीं रह पाते। 300 फुट के नीचे अगर स्टेनलैस स्टील का माल (स्टैंडर्ड कंपनी का) डाला जाए तो ट्यूबवैल लंबे समय तक ठीक रहें।


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swetha

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