तलाई सभा में सामने आया 33 करोड़ का घोटाला, सचिव के खिलाफ मामला दर्ज

punjabkesari.in Sunday, Mar 17, 2019 - 09:16 PM (IST)

शाहतलाई: बाबा बालक नाथ की तपोभूमि शाहतलाई में स्थित दी तलाई ग्राम सहकारी सभा सीमित में लगभग 33 करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला होने का मामला सामने आया है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस थाना तलाई में ग्राम सेवा सहकारी सभा सीमित तलाई में 32 करोड़ 71 लाख 90 हजार 269 रुपए व 50 पैसे का घोटाला होने की खबर ने शेयरधारकों/खाताधारकों के पांव तले जमीन खिसका दी है। गौरतलब है कि समिति हिमाचल प्रदेश में लगातार 6 साल तक पहले व देश में 2 बार लगातार पहले स्थान तथा एक बार तीसरा स्थान हासिल कर चुकी है। माना जा रहा है कि सहकारिता के क्षेत्र में प्रदेश का यह सबसे बड़ा घोटाला है।

सचिव राजेश पटियाल के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज

पुलिस थाना तलाई के प्रभारी श्याम प्रसाद भारद्वाज ने बताया कि जिला ऑडिट ऑफिसर सहकारी सभाएं बिलासपुर ने दी तलाई ग्राम सेवा सहकारी सभा सीमित तलाई के ऑडिट में पाया है कि सभा में 32,71,90,269 रुपए व 50 पैसों का गबन/दुरुपयोग हुआ है, जिसके लिए प्रथम दृष्टया सभा के सचिव राजेश पटियाल के खिलाफ  पुलिस थाना तलाई में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई है। पुलिस ने धारा 420 व 406 के अंतर्गत मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है।

सभा ने ऋण के रूप में बांट दिए 84 करोड़ रुपए

काबिलेगौर है कि दी तलाई ग्राम सेवा सहकारी सभा सीमित तलाई की बीते कुछ वर्षों तूती बोलती थी तथा सभा में लोगों ने भी दिल खोलकर अपने जीवन भर की कमाई जमा करवाई थी। किसी समय सभा में शेयरधारकों/खाताधारकों की जमापूंजी 78 करोड़ रुपए से भी अधिक थी जबकि सभा ने इससे दो कदम आगे बढ़कर 84 करोड़ रुपए ऋण के रूप में दिए थे, जिनकी रिकवरी ऋणियों से नहीं हो पा रही है, जिसके चलते भी जमापंूजी धारकों को उनका अपना पैसा नहीं मिल पा रहा था।

काफी रोचक होते थे सभा के चुनाव

बता दें कि दी तलाई ग्राम सेवा सहकारी सभा सीमित तलाई की प्रबंधन समिति में 11 सदस्य होते हैं अर्थात सभा के क्षेत्र को 11 वार्डों में विभाग द्वारा बांटा गया था तथा बीते लगभग 12-13 वर्षों से सभा के चुनाव काफी रोचक होते थे तथा सभा का सदस्य बनने हेतु विधानसभा चुनावों की तरह काम होता था, साथ ही 1-1 सदस्य का चुनावों पर खर्च भी काफी आता था, जिसमें सहकारिता विभाग की देखरेख में होने वाले चुनाव काफी दिलचस्प होते थे। सभा के शेयरधारकों/खाताधारकों के अनुसार कुछ लोग इन चुनावों में इस तरह भाग लेते थे, मानों सभा में सदस्य पद हासिल करने से उन्हें काफी फायदा मिलेगा।

शेयरधारकों/खाताधारकों ने किया था संघर्ष समिति का गठन

इसी के चलते शेयरधारकों/खाताधारकों ने एक संघर्ष समिति का गठन भी किया था तथा सभा के सचिव एवं प्रबंधन समिति के सदस्यों से मिलकर खाता धारकों का पैसा लौटाने की मांग की थी लेकिन फिर भी जब उनको पैसा नहीं मिला तो उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व सहकारिता मंत्री डा. राजीव सहजल सहित विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई परंतु कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।

14 मार्च को डी.सी. बिलासपुर से मिले थे समिति के पदाधिकारी

बीते 14 मार्च को चैत्र मास के मेलों के शुभारंभ के अवसर पर संघर्ष समिति के पदाधिकारी डी.सी. बिलासपुर विवेक भाटिया से मिले तथा कार्रवाई की मांग की थी, जिस पर डी.सी. के कड़े रुख के चलते अंतत: विभाग को पुलिस में एफ .आई.आर. दर्ज करवानी पड़ी। उधर, डी.एस.पी. घुमारवीं राजेंद्र जसवाल ने  मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।


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Vijay

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