मसूद अजहर पर बदले चीन के तेवर, बोला- भारत की चिंता से वाकिफ, जल्द निकालेंगे हल

punjabkesari.in Sunday, Mar 17, 2019 - 02:26 PM (IST)

नई दिल्ली: आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने को लेकर चीन पर लगातार दवाब बढ़ रहा है। मसूद अजहर पर वीटो इस्तेमाल करने के बाद अलग-थलग पड़ने के बाद चीन के तेवर नरम पड़ने शुरू हो गए हैं।भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने रविवार को कहा कि हम जल्द ही मसूद अजहर का हल निकाल लेंगे। लुओ झाओहुई ने कहा कि हम भारत की चिंता को समझते हैं और उम्मीद है कि जल्द ही मसूद को लेकर मामला हल हो जाएहा। अभी परामर्श चल रहा है और यकीन कीजिए इसका समाधान भी निकल आएगा।

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आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं: भारत
इससे पहले भारत ने शनिवार को कहा था कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने में कितना भी समय लगे भारत चीन के साथ संयम बरतने को तैयार है लेकिन आतंकवाद पर अपनी स्थिति के साथ वह कोई समझौता नहीं करेगा। चीन द्वारा जैश प्रमुख को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह में रोड़े अटकाने के बाद भारत की तरफ से यह बयान आया है। सूत्रों ने कहा कि ऐसे कई मुद्दे हैं जिन्हें चीन को पाकिस्तान के साथ सुलझाने की जरूरत है क्योंकि पाकिस्तान की भूमि पर आतंकवादियों के सक्रिय होने के पर्याप्त सबूत हैं जो चीन के भी हित में नहीं है।
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मसूद को लेकर चीन से बात करे हैं अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन
ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अब चीन के साथ गहन सद्भावना वार्ता कर रहे हैं, ताकि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने को लेकर कोई समझौता किया जा सके। इस मामले के जानकार लोगों के अनुसार अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने संबंधी प्रस्ताव की भाषा को लेकर भी चीन से बातचीत कर रहे हैं। चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति में पेश प्रस्ताव को बुधवार को अपने वीटो के अधिकार के माध्यम से चौथी बार बाधित कर दिया था। इस प्रस्ताव को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने पेश किया था। इन तीनों देशों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कुछ दिनों बाद प्रस्ताव पेश किया था। इस हमले में सीआरपीएस के 44 जवान शहीद हो गए थे।
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मामले के जानकार लोगों के अनुसार, यदि इस प्रयास के बावजूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित नहीं किया जाता तो तीन स्थायी सदस्य इस मुद्दे पर खुली बहस के लिए प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली शाखा में पेश करने की योजना बना रहे हैं। ऐसा समझा जाता है कि चीन को इन देशों ने सूचित किया है कि वे अन्य विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। वे खासकर खुली बहस पर विचार कर रहे हैं जिसके बाद प्रस्ताव पर मतदान होगा। बीजिंग को सूचित किया गया है कि यह कुछ महीनों, कुछ सप्ताह में नहीं, बल्कि कुछ दिनों में होगा। साथ ही, इन देशों के अधिकारियों का मानना है कि चीन पहले की तुलना में इस बार अधिक सहयोग कर रहा है। इस प्रस्ताव पर चीन का सहयोग मिलने को बड़ी सफलता माना जाएगा। चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के बीच बातचीत होना एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।


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Seema Sharma

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