औने-पौने भाव में खरीदी जा रही किसानों की सरसों

punjabkesari.in Sunday, Mar 17, 2019 - 12:11 PM (IST)

घरौंडा(टिक्कू): नई अनाज मंडी में सरसों की खरीद देरी से होने के कारण किसानों की फसल औने-पौने भाव में खरीदी जा रही है। किसानों को नमी के नाम पर मोटा झटका दिया जा रहा है। किसानों को आरोप है कि सरकार की बोली खरीद अभी तक शुरू नहीं हुई, इसलिए आढ़ती अपने मनमाने भाव से सरसों खरीद रहे हैं। लोकसभा चुनावों के शोर के बीच मंडी में चुपचाप सरसों की फसल मनमाने दामों में खरीदने का खेल चल रहा है । सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4200 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है। इसके बावजूद घरौंडा मंडी में किसानों की सरसों औने- पौने दामों में पीट रही है। 

खरीद में देरी का फायदा उठा रहे व्यापारी 
मार्कीट कमेटी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अब तक मंडी में करीब 1200 किं्वटल सरसों की आवक हुई है जिसमें से लगभग 400 किं्वटल सरसों निजी खरीदारों ने की है। खुद मंडी सचिव मानते है कि प्राइवेट खरीददारों ने सरकारी भाव से कम दाम पर सरसों की खरीद की है। मंडी में फिलहाल तक सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहींं हुई है जबकि 50 फीसदी सरसों की आवक हो चुकी है। लिहाजा सरसों की फसल लेकर मंडी पहुंचने वाले किसान बिकवाली के लिए पूरी तरह से आढ़ती और व्यापारियों पर टिके हुए हैं। सरकारी खरीद में देरी का फायदा भी सरसों के खरीदार व्यापारी बखूबी उठाने में लगे हैं। 

मौके पर नहीं होता कोई अधिकारी या कर्मचारी 
किसान राजेश, नफे सिंह, सूबे सिंह, चंद्रप्रकाश आदि किसानों ने बताया कि बोली के दौरान मार्कीट कमेटी का कोई भी अधिकारी कर्मचारी मौजूद नहींं होता । ऐसे में चार-पांच खरीदार मिलीभगत करके बोली लगाते हैं और सरकारी भाव से बेहद कम दाम पर उनकी फसल खरीद ली जाती है। किसानों ने बताया कि सरकार ने सरसों का मूल्य 4200 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है लेकिन व्यापारी 3200 से 3400 रुपए प्रति किं्वटल में ही खरीद करते हैं। ऐसे में किसानों को सीधे तौर पर सरसों की बिकवाली से एक हजार रुपए प्रति क्विंटल तक का नुक्सान उठाना पड़ रहा है। किसानों ने आरोप लगाया की मंडी में सरसों खरीदने वाले व्यापारियों की आपस में सांठ-गांठ होती है जिस वजह से कोई खरीदार ज्यादा बोली नहीं लगाता।   


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kamal

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