होलिका दहन के बाद बची हुई राख को घर क्यों लाना चाहिए ?

punjabkesari.in Sunday, Mar 17, 2019 - 11:05 AM (IST)

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जैसे कि सब जानते हैं कि होली से एक दिन पहले होलिक दहन का त्यौहार मनाया जाता है। होली की ही तरह होलिका दहन का पर्व भी हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि इस संदर्भ में शास्त्रो में पौराणिक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने के लिए अपनी बहन को आदेश दिया था कि वह उसे अग्नि में लेकर बैठ जाएं ताकि उसका पुत्र अग्नि में भस्म हो जाए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को भगवान शंकर से वरदान प्राप्त था, जिस वजह से अग्नि उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकती थी। परंतु क्योंकि उसकी विपरीत भावनाओं के कारण प्रहलाद को जलाकर भस्म करने वाली होलिका स्वयं ही उस आग की लपटों में जलकर भस्म हो गई थी। जिसके बाद से होलिका दहन का पर्व मनाया जाना शुरू हुआ। मान्यताओं के अनुसार ये त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है।
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कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन के बाद बची हुई राख को घर में लेकर आते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि ऐसा क्यों करना चाहिए। तो चलिए आज हम आपको इस बारे में बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है।
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मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन के बाद बची हुई राख तो घर लाने से हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा अगर होली की भस्म को घर के चारों तरफ़ और घर के सारे खिड़की-दरवाजों पर छिड़का जाए तो वहां मौज़ूद नकारात्मक शक्तियों का घर में प्रवेश नहीं होता। इसके साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है।
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ज्योतिष के अनुसार होलिका दहन से कुछ देर पहले घर के सभी सदस्यों को सरसों का उबटन बनाकर उससे पूरे शरीर पर मालिश करनी चाहिए और मालिश के बाद जो भी मैल निकलें उसे होलिकाग्नि में डाल दें। माना जाता है कि ऐसा करने से जादू टोने का असर खत्म होता है और शरीर स्वस्थ रहता है।
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Jyoti

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