सर्दी-जुकाम ही नहीं, इन 5 हैल्थ प्रॉबल्म में भी शिशु को होती हैं खांसी

punjabkesari.in Friday, Mar 15, 2019 - 05:27 PM (IST)

नवजात व छोटे बच्चों को खांसी आती है तो पेरेंट्स अक्सर इसे मौसम में बदलाव के कारण होनी वाली हैल्थ समस्या समझ लेते हैं। मगर पेरेंट्स की यहीं गलती बच्चों के लिए गंभीर बन जाती हैं। दरअसल, बच्चों की खांसी को नजरअंदाज कर देने से उन्हें सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता जिस वजह से समस्या गंभीर बीमारी में बदल जाती है। बच्चों को खांसी होने के कई कारण हो सकते है जिन्हें लक्षणों के आधार पर पहचाना जा सकता है। चलिए आज हम आपको शिशु को लगातार हो रही खांसी के कारण बताते है जिन्हें पहचानकर पेरेंट्स को तुरंत अलर्ट हो जाना चाहिए। 

 

सर्दी-जुकाम के कारण खांसी

छोटे बच्चों को अक्सर सर्दी-जुकाम लगने पर खांसी की समस्या भी होती हैं। ऐसे में शिशु की नांक बंद और गले में खराश रहती हैं। इसके अलावा कई बार आंखों से पानी और बुखार आने लगता है। अगर नवजात 1 साल से छोटा है तो उसे घरेलू चीजों से ठीक करने के बजाए डॉक्टर के पास लेकर जाए। अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है तो उसे आप शहद चटा सकते है। इससे उसकी खांसी कंट्रोल हो जाएगी। 

 

फ्लू के कारण भी खांसी

छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती हैं जिस वजह से उन्हों फ्लू आसानी से पकड़ लेता है। फ्लू होने पर भी शिशु को सूखी खांसी होती हैं, जिस वजह वह लगातार खांसता रहता है। अगर आपको भी शिशु में खांसी और बुखार जैसे लक्षण दिखे तो तुरंत उसे डॉक्टर के पास लेकर जाए। 

 

क्रूप डिजीज 

बच्चों में खांसी की एक वजह क्रूप डिजीज भी है। दरअसल, इस रोग में शिशु की सांस प्रणाली में सूजन आ जाती है, जिसे वजह से उसे लगातार खांसी आती रहती हैं। ऐसे में इसे नॉर्मल न समझे बल्कि जल्द से जल्द बच्चे को अच्छे चिकित्सक के पास लेकर जाए।आमतौर पर यह बीमारी 6 महीने से 3 साल के बच्चों को ज्यादा होती है, जिसमें बच्चा तेज आवाज में खांसता है। रात के समय खांसी की समस्या बढ़ जाती है और शिशु के गले से सीटी जैसी आवाजे निकलने लगती हैं। 

 

टीबी के कारण खांसी

कम उम्र के बच्चों की भी टीबी की समस्या हो सकती है। अगर बच्चे को 10-12 दिन से ज्यादा समय तक खांसी आती है तो इसे हल्के में न लेते हुए तुरंत कोई एक्शन ले क्योंकि यह टीबी का लक्षण हो सकता हैं। दरअसल, टीबी के कारण खांसी होने पर शिशु के मुंह से खून भी आने लगता है और सांस लेने में दिक्कत आती है। इसके अलावा अगर बच्चे को खांसी के साथ भूख कम लगे और बुखार हो तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाए। 

 

अस्थमा की वजह 

अधिकतर बच्चों की छोटी उम्र में ही दमा यानी अस्थमा की शिकायत हो जाती है। अस्थमा होने पर भी बच्चे को लगातार खांसी आती रहती है हालांकि इस दौरान खांसते समय शिशु की सांस फूलती और सांत लेते समय घर्र-घर्र की आती है। इतना ही नहीं खांसते-खांसते शिशु का दम भी घुटने लगता है। अगर आपके बच्चों को भी ऐसी वाली खांसी है तो उसे चिकित्सक के पास लेकर जाए और अस्थमा का ट्रीटमेंट शुरू करवाएं। 

 

काली खांसी या कुक्कुर खांसी

कुकर खांसी फेफड़ों का बैक्टीरियल संक्रमण है जिसे काली खांसी भी कहा जाता है। इस तरह की स्थिति में शिशु बहुत तेज खांसता हैं। 
उसके खांसने पर लगता है कि मानो कोई जानवर भौंक रहा हो। दरअसल, काली खांसी आमतौर पर खांस अंदर खींचते हुए आती है और खांसी के साथ-साथ उल्टी भी हो सकती हैं। अगर आपके बच्चों को भी ऐसी वाली खांसी है तो तुरंत कोई एक्शन लें। 


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Content Writer

Sunita Rajput

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