PICS: आज भी ड्यूटी निभाती है इस शहीद की आत्मा, लेती है 2 माह की छुट्टी!

2/26/2015 2:09:05 PM

इस माडर्न जमाने में आत्मा जैसी बातों पर यकीन करना मतलब अंधविश्वास करना है  लेकिन कुछ लोग आज भी इन बातों पर यकीन करते हैं। इससे जुड़ी खबर भारत में भी सुनने को मिली है। खबर है कि भारतीय सेना एक शहीद की आत्मा की सेवाएं ले रही है। यहां तक सेना की ओर से उस आत्मा को बाकायदा पद के साथ वेतन और प्रमोशन दिया जाता है।  कई इंटरनेट साइट्स की मानें तो सेना को अपने भूत पर बहुत विश्वास है। 

चलिए, आइए आपको बताएं क्या है पूरी कहानी

दरअसल 1963 के भारत-चीन युद्ध में शहीद होने वालों में 1962 के डोगरा रेजिमेंट के जवान हरभजन सिंह भी एक थे। वह भारत और चीन के युद्ध में शहीद हुए थे। कहा जाता है कि शहीद होने के 3 दिनों तक उनकी लाश नहीं मिली और उन्होंने किसी साथी जवान के सपने में आकर अपने मृत शरीर की जगह बताई। 

हैरानी वाली बात यह थी कि सपने में बताई गई जगह पर लाश मिली और उसका पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। कहा जाता है कि भारत-चीन युद्ध के खत्म होने के बाद हरभजन सिंह एक बार फिर अपने किसी साथी जवान के सपने में आए और अपनी समाधि पर एक मंदिर बनाने की बात कही। हरभजन सिंह की समाधि पर एक मंदिर भी बनाया गया। मंदिर बनने के साथ ही हरभजन सिंह भारतीय सेना की इस रेजिमेंट के लिए वो बाबा बन गए, जो आज तक अपनी सेवाएं पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी दे रहे हैं। 

बाबा स्वभाव से कड़क और अनुशासित माने जाते हैं और वहां उनका एक कमरा हमेशा सुसज्जित रखा जाता है। यह कमरा अन्य कमरों की तरह हर दिन साफ किया जाता है। इसमें बिस्तर लगाया जाने के साथ ही हरभजन सिंह की वर्दी और जूते रखे जाते हैं। 

वहीं ऐसा भी कहा जाता है सुबह इन जूतों में कीचड़ के निशान पाए जाते हैं। बाबा के काम से खुश भारतीय सेना वेतन समेत सेना में रहते हुए मिलने वाली सभी सुविधाएं बाबा को दे रही है। समय-समय पर इन्हें प्रमोशन भी दिया जाता है और ये हर साल अपनी 2 महीने की छुट्टियां भी लेते हैं। इनके वेतन का एक हिस्सा जालंधर में रह रही इनकी मां के पास भेजा जाता है और इनकी छुट्टियों के लिए बाकायदा इनका सामान प्रथम श्रेणी के ट्रेन रिजर्वेशन से इनके घर भेजा जाता है और छुट्टियां खत्म होने पर उन्हें वापस भी लाया जाता है। 

आपको बता दें कि कहा तो यहां तक जाता है कि बाबा की मान्यता सिर्फ भारतीय सेना में नहीं बल्कि बॉर्डर पर तैनात चीनी सेना में भी है। जब भी नाथू ला पोस्ट में चीनी और भारतीय सेना की फ्लैग मीटिंग होती है तो चीनी सेना एक कुर्सी बाबा के लिए भी लगाती है। 

लेकिन हाल ही में किसी ने अंधविश्वास को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय पर मुकदमा किया है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए


Recommended News

Related News