Delhi Riots: पुलिस के वकील पैनल मामले में LG के फैसले को खारिज किए जाने पर सत्येंद्र जैन ने कही ये बात
punjabkesari.in Friday, Jul 31, 2020 - 12:23 PM (IST)
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। दिल्ली हिंसा के केस को लेकर पुलिस द्वारा सुझाए गए वकीलों के पैनल को खारिज करने के केजरीवाल सरकार के फैसले को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पलट दिया है। इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि पुलिस को वकीलों का पैनल तय करने का अधिकार नहीं है। हम सभी दोषियों के लिए सजा चाहते हैं, लेकिन किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए।
बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दंगा मामलों में पैरवी के लिए दिल्ली पुलिस के वकीलों के पैनल को खारिज करने के आप सरकार के फैसले को पलट दिया। एक आधिकारिक बयान में बृहस्पतिवार को इस बारे में बताया गया। सरकार ने कहा कि संविधान के मुताबिक वह उपराज्यपाल के आदेश को लागू करने के लिए बाध्य है।
Not right to have lawyers suggested by Police. We want punishment for all culprits but no innocent should get punished: Delhi Minister Satyendar Jain on LG overturning Delhi Cabinet’s decision to appoint panel of lawyers of its own choice to argue Delhi violence cases in SC & HC pic.twitter.com/WfbXj2TTzA
— ANI (@ANI) July 31, 2020
बयान में कहा गया कि उपराज्यपाल ने गृह विभाग को वकीलों के पैनल के संबंध में दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को मंजूरी देने का निर्देश दिया है। हालांकि , उपराज्यपाल कार्यालय ने बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को दिल्ली मंत्रिमंडल ने दिल्ली पुलिस द्वारा प्रस्तावित वकीलों के पैनल को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इससे उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगा संबंधी मामले की ‘पारदर्शी और निष्पक्ष’ सुनवाई में मदद नहीं मिलेगी।
केजरीवाल सरकार ने किया था दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को खारिज
मंत्रिमंडल ने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में दंगा मामलों की चल रही सुनवाई में पैरवी के लिए वकीलों को नियुक्त करने के संबंध में दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। जानकारी के लिए आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच इस प्रकार से अधिकारों की लड़ाई हो रही है। इससे पहले भी कई मामलों में उपराज्यपाल दिल्ली सराकर के फैसलों को निरस्त कर चुके हैं।