कुतुबमीनार व लालकिले पर जले दीप, साथ ही जारी हुई अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची
punjabkesari.in Saturday, Apr 18, 2020 - 09:36 PM (IST)
नई दिल्ली/ डेस्क। विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( ASI) द्वारा राजधानी की 5 ऐतिहासिक धरोहरों कुतुबमीनार, लालकिला, हुमायूं का मकबरा, पुराना किला व सफदरजंग के मकबरे पर दीप प्रज्जवलन समारोह का आयोजन किया गया। वहीं कुतुब परिसर की ओर से सीएसएचपी पब्लिक स्कूल व एएसपीएएम स्काॅटिश स्कूल के करीब 300 छात्रों व शिक्षकों को वेबिनार के जरिए ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने की शपथ दिलवाई गई।
कुतुबमीनार के अधिकारियों के साथ शिक्षकों व छात्रों ने ली शपथ
बता दें कि एएसआई द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कोरोना वायरस के संक्रमण को हराने वाले सफाईकर्मी, डाॅक्टरों, पुलिस अधिकारियों और नागरिक प्रशासन के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की। इस दौरान हुमायूं के मकबरे में एएसआई द्वारा 41 दिनों के लाॅकडाउन अवधि को प्रतीक मानते हुए 41 मोमबत्तियां 41 घंटे तक जलाई गईं। बता दें कि वेबिनार द्वारा कुतुबमीनार के अधिकारियों के साथ 10 बजे शिक्षकों व 11 बजे छात्रों ने शपथ ली और शाम 7 बजे एसडीएम द्वारा दीप जलाया गया।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जारी की सूची
विश्व धरोहर दिवस के उपलक्ष्य पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) की राष्ट्रीय सूची जारी की। इस सूची का लक्ष्य भारत के विविध राज्यों की आईसीएच परंपराओं के बारे में जागरूकता फेलाना है। बता दें कि अपने संबोधन में पटेल ने कहा कि भारत में विलक्षण आईसीएच परंपराओं का खजाना विद्यमान है, जिनमें से 13 को यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत क रूप में मान्यता प्रदान की गई है। यह पहल संस्कृति मंत्रालय के विजन 2024 का भी एक भाग है।
इन क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है सूची को
आईसीएच का संरक्षण करने संबंधी यूनेस्को के 2003 अभिसमय का अनुसरण करते हुए इस सूची को मोटे तौर पर पांच क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है। जिसमें आईसीएच के वाहक के तौर पर भाषा सहित मौखिक परंपराएं और अभिव्यक्तियां, प्रदर्शन कलाएं, सामाजिक प्रथाएं, रीति-रिवाज और उत्सव घटनाक्रम, प्रकृति और विश्व से संबंधित ज्ञान तथा प्रथाएं व पारंपरिक शिल्पकारिता है। मालूम हो कि इस सूची में वर्तमान परंपराओं को मंत्रालय ने 2013 में निरूपित कर भारत की आईसीएच और विविध सांस्कृतिक परंपराओं का संरक्षण योजना के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं में से एकत्र किया गया है।
13 परंपराओं को शामिल किया गया है सूची मेंं
अब तक इस सूची में सौ से ज्यादा परंपराओं को शामिल किया जा चुका है। इस सूची में वो 13 परंपराओं को भी शामिल किया गया है जो यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में पहले से ही मौजूद हैं। इस सूची को संगीत नाटक अकादमी व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की सहायता से तैयार किया गया है।