शिक्षा बजट में कटौती नहीं हुई, नयी शिक्षा नीति आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला : निशंक

punjabkesari.in Wednesday, Mar 17, 2021 - 12:47 PM (IST)

एजुकेशन डेस्क: केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शिक्षा क्षेत्र में बजट में कटौती किये जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार द्वारा शैक्षणिक गतिविधियों के लिये पर्याप्त आवंटन किया गया है, दूसरी तरफ 21वीं सदी के स्वर्णिम भारत के निर्माण के लिये नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति लायी गयी है जो सशक्त, श्रेष्ठ और आत्मनिर्भर भारत की आधरशिला बनेगी ।

शिक्षा बजट में कोई कटौती नहीं
लोकसभा में वर्ष 2021-22 के लिए शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांग पर चर्चा का जवाब देते हुए निशंक ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि बजट में कोई कटौती नहीं हुई। बजट कम नहीं हुआ है। 2020-21 का स्कूली शिक्षा का बजट 59000 करोड़ रुपये से अधिक था। लेकिन कोविड के कारण संशोधित बजट में 52 हजार करोड़ रुपये कर दिया। इस बार इसमें वृद्धि हुई है और यह 54 हजार करोड़ रूपये से अधिक है । उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा का बजट भी 38000 करोड़ रुपये कर दिया जो पिछली बार के संशोधित आवंटन के मुकाबले ज्यादा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे पास पैसा नहीं है। अलग अलग योजनाओं के तहत काफी अवंटन है।

भारत को विश्वगुरू के रूप को दुनिया के सामने लाने के लिये प्रयत्नशील
मसलन 15 हजार आदर्श स्कूलों का विकास करने की बात कही गई है, सैनिक स्कूलों के विकास की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि बजट में देश में शोध को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान की स्थापना करने की बात कही गई है। इसके लिए 50 हजाआर करोड़ रुपये वंटित किये जायेंगे। निशंक ने कहा कि देश में एक हजार से अधिक विश्वविद्यालय, 45000 से अधिक कॉलेज और देश में 33 करोड़ से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं। ऐसे में मोदी सरकार भारत को विश्वगुरू के रूप फिर से दुनिया के सामने लाने के लिये प्रयत्नशील है। मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने कुछ सदस्यों के कटौती प्रस्तावों को अस्वीकार करते हुए वर्ष 2021-22 के लिए शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी।

कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने जड़े कई आरोप
गौरतलब है कि चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने सरकार पर शिक्षा मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन में कटौती करने का आरोप लगाया और कहा कि पर्याप्त आवंटन के बिना नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों को हासिल करना संभव नहीं होगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि हमारे छात्र छात्राओं या संस्थानों के स्तर में कोई कमी है। अगर ऐसा होता है कि आईआईटी से पढ़े बच्चे गूगल और दूसरी कंपनियों में नहीं होते।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

rajesh kumar

Recommended News

Related News