कोरोना संकट के बीच दिल्ली के अस्पतालों में स्टाफ की कमी, मेडिकल छात्रों की ड्यूटी का मसौदा तैयार

punjabkesari.in Saturday, Jul 04, 2020 - 08:27 AM (IST)

नई दिल्ली/डेस्क। दिल्ली में बढ़ते कोरोना संकट के बीच अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की कमी हो गई है, ऐसे में दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि मेडिकल स्टूडेंट्स की ड्यूटी अब अस्पतालों में लग सकती है। दिल्ली सरकार ने मेडिकल के पोस्टग्रेजुएट छात्रों को अस्पतालों में नियुक्त करने के लिए कैबिनेट मसौदा तैयार कर लिया है।

इसे जल्द कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। दिल्ली के अस्पतालों में करीब 2000 डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना से ग्रसित हो चुके हैं। जिस कारण अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी हो गई है। इस विषय पर समीक्षा करने के लिए दिल्ली सरकार ने कमेटी गठित की है। जिसमें गुरु गोविंद सिंह यूनिवर्सिटी के डॉ महेश वर्मा, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉ बीएल शेरवाल शामिल थे।

युवा डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने पर जोर
कमेटी ने अपनी अनुशंसा रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है जिसके आधार पर छात्रों को कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल के डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए नियुक्त किया जा सके। इस कमेटी की रिपोर्ट को कैबिनेट नोट में शामिल किया गया है। कमेटी ने युवा डॉक्टरों को राजधानी के अस्पतालों में भर्ती करने पर जोर दिया है।

इन छात्रों को किया जा सकता अस्पतालों में तैनात
कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ डॉक्टरों में को-मॉर्बिड होना संभव हो सकता है, लेकिन युवा डॉक्टर में कोरोना से लड़ने की क्षमता ज्यादा है। कमेटी ने कहा है कि पोस्टग्रेजुएट छात्रों, इंटर्न, डेंटल सर्जन व आयुष अधिकारियों को भी कोरोना अस्पतालों में भर्ती किया जा सकता है। डेंटल सर्जन व आयुष अधिकारियों के लिए छोटा कोर्स बनाकर इन छात्रों को कोरोना के क्वारंटीन सेंटर और हल्के लक्षण वाले मरीजों के अस्पताल में नियुक्त किया जा सकता है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इन डॉक्टरों को नगद भुगतान करने का सुझाव दिया है।

 


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Edited By

Kamini Bisht

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