DU कॉलेजों के अकाउंट्स में गड़बड़ी, पैसा होेने पर भी नहीं मिल रहा शिक्षकों को वेतन- सिसोदिया

punjabkesari.in Thursday, Sep 17, 2020 - 08:27 AM (IST)

नई दिल्ली/ डेस्क। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से जुड़े और दिल्ली सरकार से वित्तीय सहायता पाने वाले कॉलेजों के अकाउंट में भारी अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इन कॉलेजों को वेतन के लिए पर्याप्त धनराशि प्रदान की है, लेकिन ऐसा लगता है कि कॉलेजों ने शिक्षकों को वेतन देने की बजाय उस फंड का कहीं और उपयोग किया है।
 

मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए अनुमानित वेतन 300 करोड रुपए है और दिल्ली सरकार ने सहायता के निर्धारित पैटर्न के तहत कॉलेजों को पर्याप्त धनराशि दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार कॉलेज के शिक्षकों और छात्रों के साथ है। 12 कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों को करीब 5 महीने से वेतन नहीं मिला है।


बता दें कि इन 12 कॉलेजों को दिल्ली सरकार 100% वित्तीय सहायता देती है। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा समय पर अनुदान देने के बावजूद शिक्षकों को उनका वेतन नहीं मिलना हैरानी की बात है। सिसोदिया ने कहा कि फंड के उपयोग की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने इन कॉलेजों को का विशेष ऑडिट शुरू किया है। इसके लिए सीएजी से ऑडिटर्स लिए गए।

उन ऑडिटर्स ने इन कॉलेजों का ऑडिट शुरू किया है। सितंबर के पहले सप्ताह में छह कॉलेजों का ऑडिट किया गया और डिटेल्स की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार कॉलेजों ने स्टाफ को वेतन भुगतान करने के स्थान पर फिक्स डिपाजिट के रूप में बड़ी राशि जमा कर रखी है। केशव महाविद्यालय के पास फिक्स डिपाजिट के रूप में 10. 52 करोड रुपए जमा है। सिसोदिया ने कहा कि अगर उनके पास इतना पैसा है तो वह अपने शिक्षकों को वेतन क्यों नहीं दे रहे। 


सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने केशव महाविद्यालय को वेतन अनुदान के तौर पर साल 2014 में 10. 92 करोड रुपए दिया था। पिछले वर्ष सरकार ने 27. 5 साल के भीतर उनका वेतन अनुदान करीब 3 गुना हो गया है। इतनी राशि मिलने के बावजूद कॉलेज अपने शिक्षकों को वेतन नहीं दे रहे हैं।

सिसोदिया ने कहा कि भगिनी निवेदिता कॉलेज के क्लोजिंग बैलेंस से पता चलता है कि उनके पास लगभग 2. 5 करोड रुपए फिक्स डिपाजिट है। साल 2014 में भगिनी निवेदिता को दिया जाने वाला वेतन अनुदान करीब 8. 4 करोड रुपए था। पिछले साल से बढ़ाकर 18 करोड़ कर दिया गया था लेकिन इतनी सहायता मिलने के बावजूद कॉलेज द्वारा धन की कमी का दावा किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सुखदेव कॉलेज आफ बिजनेस स्टडीज ने ऑडिटर्स को अपनी ऑडिट बैलेंस भी नहीं दी है। साल 2019 की बैलेंस शीट में कॉलेज के पास लगभग 3. 5 करोड़ थे।


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Kamini Bisht

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