Delhi: केजरीवाल सरकार को HC से बड़ा झटका, अस्पतालों के 80% ICU बेड्स रिजर्व करने के फैसले पर लगी रोक
punjabkesari.in Tuesday, Sep 22, 2020 - 02:43 PM (IST)
नई दिल्ली/ डेस्क। दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें निजी अस्पतालों को 80 प्रतिशत आईसीयू बेड्स कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने को कहा गया था। बढ़ते कोरोना मरीजों की को देखते हुए हाल ही में केजरीवाल सरकार ने आदेश दिया था कि दिल्ली के 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड्स कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने होंगे। इस फैसले पर हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।
सरकार के इस फैसले से निजी अस्पताल नाराज दिखे। एसोसिएश ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के महानिदेश डॉक्टर गिरधर ज्ञानी का कहना था कि कम ही रोगियों को आईसीयू की जरूरत होती है। उनका कहना था कि भले ही दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 4 हजार से के करीब केस मिल रहे हैं, लेकिन उनमें से गंभीर रूप से बीमार एक या दो प्रतिशत लोग ही हैं। ऐसे में अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड्स कोविड मरीजों के लिए आरक्षित करने से परेशानी खड़ी होती है।
Delhi High Court stays recent order passed by the Delhi Government instructing private hospitals in the city to reserve 80% of ICU beds for COVID-19 patients, till the next date of hearing pic.twitter.com/EEqTBO5Igl
— ANI (@ANI) September 22, 2020
डॉक्टर ज्ञानी का कहना था कि अगर इस प्रकार से बेड्स रिजर्व कर लिए जाएंगे तो नॉन कोविड मरीजों का इलाज कैसे संभव होगा? एमरजेंसी में जिन मरीजों को लाया जाता है उनमें से अधिकतर को आईसीयू केयर की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि इस फैसले को वापस लेने की अपील भी सरकार से की गई, लेकिन जब कोई सुवनाई ही नहीं हुई तो मजबूरन हमें हाईकोर्ट से गुहार लगानी पड़ी।
निजी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि सरकार को बिना किसी परामर्श के इस प्रकार का कोई भी फैसला नहीं लेना चाहिए। वहीं इस मामले में दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के महानिदेश ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।
सोमवार को दिल्ली में 24 घंटों में कोरोना के 2548 नए मामले सामने आए हैं और एक दिन में 32 मरीजों की जान गई है।इसके साथ ही राजधानी में संक्रमण के कुल मामले 2 लाख 49 हजार 259 हो गए हैं। संक्रमण के कुल मामलों में सक्रिय मामलों की संख्या 30,941 है। वहीं 2,13,304 लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो चुके हैं। यहां अब तक 5,014 लोगों की जान जा चुकी है।