दिल्ली: इस बार नहीं घुटेगा धुएं से दम! पराली को खाद बनाने का घोल मुफ्त में देगी केजरीवाल सरकार
punjabkesari.in Thursday, Oct 01, 2020 - 08:49 AM (IST)
नई दिल्ली/ डेस्क। दिल्ली के अंदर किसानों को पराली जलाने की जगह पूसा संस्थान की ओर से तैयार कैप्सूल से बने घोल का अपने खेत में छिड़काव करने का विकल्प केजरीवाल सरकार ने दिया है। सरकार पराली को खाद में बदलने के लिए कैप्सूल से घोल बनवाकर किसानों के खेतों में मुफ्त छिड़काव करेगी।
सरकार दिल्ली के एक एक किसान के पास जाएगी और उनसे खेत में घोल को छिड़कने की अनुमति मांगेगी, जो किसान तैयार होंगे उनके खेत में मुफ्त छिड़काव किया जाएगा। इस बार समय कम बचा है इसीलिए सरकार ने इसे करने का बीड़ा खुद उठाया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार 5 अक्टूबर से पूसा संस्थान की निगरानी में कैप्सूल से घोल तैयार कराएगी। इस घोल को तैयार करने में करीब 20 लाख रुपए की लागत आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूसा रिसर्च संस्थान द्वारा बनाए कैप्सूल से घोल बनाकर खेत में छिड़काव किया जाएगा, जिससे पराली के डंठल गलकर खाद में बदल जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के समय में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण किसानों, शहर के लोगों और ग्रामीणों समेत सभी के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह अन्य राज्य सरकारों को भी जितना हो सके इसी साल से इसको लागू करने की अपील करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के अंदर करीब 800 हेक्टेयर जमीन है जहां पर गैर बासमती चावल उगाया जाता है। जहां पर उसके बाद यह पराली निकलती है और पराली को जलाने की नौबत आती है। 800 हेक्टेयर की जमीन के लिए पूसा रिसर्च संस्थान की निगरानी में 12 से 13 अक्टूबर के आसपास के घोल बनाकर तैयार हो जाएगा और सरकार किसानों के पास जाएगी उनसे पूछेगी कि क्या आप अपने खेत में इसका छिड़काव करवाना चाहते हैं?
जो किसान अपने खेत में छिड़काव करवाने की मंजूरी देंगे सरकार खुद ट्रैक्टर किराए पर लेकर किसान के यहां फ्री में इसका छिड़काव करेगी। घोल का छिड़काव करने से 20 दिन के अंदर पराली खाद में बदल जाएगी और इसका लाभ खेत में भी होगा। किसनों को ज्यादा खाद अलगी फसल के लिए खेत में डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।