पेटीएम ऐप से डोनेट कर आप अपने शहर के गरीबों को खिला सकते हैं खाना

punjabkesari.in Friday, Apr 17, 2020 - 08:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई मजबूत करते  हुए भारत के अग्रणी डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा प्रदाता प्लेटफॉम Paytm ने केवीएन फाउंडेशन के साथ साझेदारी  की है। ताकि दिल्ली- एनसीआर के प्रवासी मजदूरों एवं दैनिक श्रमिकों को आहार उपलब्ध कराया जा सके । अभी दिल्ली एनसीआर में हजारों लोगों को प्रतिदिन भोजन वितरित किया जा रहा है। जिन्होंने लॉकडाउन के चलते अपनी आय के स्रोत खो दिए हैं। कंपनी का उद्देश्य अगले कुछ हफ़्तों में इन लोगों को भोजन के पैकेट प्रदान करने का है।

 

केवीएन फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया 'फीड माइ सिटी' अभियान हैदराबाद, बेंगलुरु, मुंबई और चेन्नई  में भी चलाया जा रहा है। जो लोग इस अभियान में सहयोग करना चाहते है वो पेटीएम ऐप में लॉग इन करके 'फीड माइ सिटी'  टैब पर क्लिक कर डोनेट कर सकते हैं। सिद्धार्थ पांडे पेटीएम के वाइस प्रेसिडेंट ने कहा कि इस लॉकडाउन से नोएडा में हजारों दैनिक मजदूरों की आजीविका प्रभावित हुई है। हम ये सुनि श्तिकरना चाहते हैं कि उनको और उनके परिवारों को एक भी दिन भूखे पेट न सोना पड़े। केवीएन फाउंडेशन के साथ हमारा सहयोग इस दिशा में एक कदम है

 

केवीएन फाउंडेशन कहा कि इस संकट में दैनिक मजदूर, प्रवासी मजदूर और सुरक्षा चक्र स्थिर, आय , इंश्योरेंस या बचत से वंचित लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। ये लोग हमारे दैनिक जीवन का बहुत जरूी हिस्सी हैं। पेटीएम दिल्ली एनसीआर में महान उद्देश्य को अपना योगदान देना संभव बना दिया। हम आप सभी से निवेदन करते हैं कि इस लॉकडाउन की अविधि में अपना योगदान देकर सुनिश्चित करें कि कीस व्यक्ति को भूखा न सोना पड़े। पिछले कुछ हफ्ते पेटीएम कोरोना वायरस को रोकने के लिए अनेक अभियान चलाए हैं। कंपनी पीएम केयर्स फंड में 500 करोड़ रुपए का योगदान देगी और पहले 10 दिनों में ही लोगों के डोनेशन से 100 करोड़ रुपए से अधिक रुपए एकत्रित कर चुकी है। साथ ही कंपनी उन लोगों को पर्सनल हाइजीन के उत्पाद, जैसे- हैंडवॉश, सैनेटाइजऱ वितरित कर रही है, जिन के पास इन्हें खरीदने का साधन नहीं है पेटीएम ने आवश्यक भुगतान जैसे- यूटिलिटी बिल, बीमा प्रीमियम और रिचार्ज को और आसान बनाने के लिए अपने ऐप को अपग्रेड किया है ताकि उपयोगकर्त्ता घर से बाहर जाने से बच सकें और कोरोना वायरस का प्रसार रोका जा सके।


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Seema Sharma

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