दिल्ली से फिलहाल नहीं चलेंगी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, मांग न होने के चलते बंद किया परिचालन

punjabkesari.in Wednesday, Jun 03, 2020 - 09:26 PM (IST)

नई दिल्लीः राज्य सरकारों की ओर से मांग में कमी आने के कारण श्रमिक विशेष ट्रेनों के संचालन की संख्या घट कर प्रतिदिन केवल लगभग 50 तक रह गई है जो कि एक समय में करीब 250 हुआ करती थी। बुधवार को आधिकारिक आंकड़ों में यह बात सामने आयी है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन दिन में रेलवे ने रविवार को 69 ट्रेन, सोमवार को 46 और मंगलवार को 41 ट्रेन का संचालन किया। वहीं, बुधवार को करीब 30 ट्रेन का संचालन किया जाना है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, एक मई से रेलवे ने 4,197 श्रमिक ट्रेन का संचालन किया, जिससे 58 लाख प्रवासी अपने घर पहुंचे। पहले दिन ऐसी चार ट्रेन चलायी गईं और 20 मई आने तक यह संख्या उच्चतम स्तर पर पहुंची, जब 279 ऐसी ट्रेनों का संचालन किया गया। अबतक, दिल्ली और गुजरात संकेत दे चुके हैं कि उन्हें और श्रमिक विशेष ट्रेनों की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली में आखिरी ऐसी ट्रेन 31 मई को रवाना हुई थी और इसी दिन गुजरात श्रम मंत्रालय ने सभी प्रवासी ट्रेनों के संचालन की समाप्ति की घोषणा की थी।

अब तक पांच ऐसे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जहां से सबसे अधिक ट्रेन रवाना हुईं, उनमें गुजरात में 1,026, महाराष्ट्र में 802, पंजाब में 416, उत्तर प्रदेश 294 और बिहार में 294 ट्रेनें शामिल हैं। इसी तरह, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 1,682 ट्रेनें, बिहार में 1,495 ट्रेनें, झारखंड में 197 ट्रेनें, ओडिशा में 187 और पश्चिम बंगाल में 156 ट्रेनें पहुंचीं।

अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में 30 मई को अंतिम बार राज्यों की ओर से और 321 श्रमिक विशेष ट्रेनों का अनुरोध किया गया था। रेलवे राज्यों की आवश्यकतानुसार व्यवस्थित तरीके से इन ट्रेनों को चलाएगा। उन्होंने कहा कि इन विशेष ट्रेनों की सेवा बंद किए जाने के बाबत जल्द ही फैसला लिया जाएगा। इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अलावा रेलवे 15 जोड़ी राजधानी स्पेशल ट्रेनें भी चला रही है। उसने एक जून से अतिरिक्त समय सारिणी वाली 200 ट्रेनें शुरू की है। श्रमिक स्पेशल ट्रेनें मुख्यत: राज्यों के अनुरोध पर चलायी जा रही हैं जो कोविड-19 लॉकडाउन के चलते फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेजना चाहते हैं।

 


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Yaspal

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