पॉलिटिक्स का हिस्सा बन रहे 'हवा-पानी'

punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2019 - 09:16 AM (IST)

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): दिल्ली के हर वार्ड से पानी के नमूने एकत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने 32 टीमें बनाने का निर्णय लिया है। यह टीमें प्रत्येक वार्ड में जाकर पानी के नमूने एकत्रित करेंगी और उनकी जांच कर एक महीने में परिणाम जनता के सामने रखेंगी। यह फैसला भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की रिपोर्ट आने के कुछ दिन बाद ही लिया गया है, जिसमें कहा गया था कि शहर में पेयजल गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरता है। दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य जल विश्लेषक संजय शर्मा ने कहा कि प्रत्येक टीम में चार अधिकारी होंगे जो हर वार्ड से पांच नमूने एकत्रित करेंगे। 

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संजय शर्मा ने कहा कि पेयजल की जांच का काम एक हफ्ते में शुरू होने की उम्मीद है जिसमें 272 वार्डों से पांच-पांच नमूने एकत्रित किए जाएंगे। आवासीय क्षेत्रों में पहुंचने वाले पानी की शोधन प्रक्रिया को समझाते हुए उन्होंने कहा कि हमारा पानी विश्व में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। हम 99 प्रतिशत आश्वस्त हैं कि नमूने सभी परीक्षणों पर खरे उतरेंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार परीक्षण में विफल होने की सीमा पांच प्रतिशत तक हो सकती है। शर्मा ने कहा कि पेयजल के नमूनों की जांच राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (नीरी) से या राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीटीसीएल) द्वारा स्वीकृत प्रयोगशाला से करवायी जाएगी। उन्होंने कहा कि पानी के कुल 1400 नमूनों का 29 मानकों पर परीक्षण किया जाएगा। 

 

सर्वेक्षण के पहले चरण में बीआईएस ने दिल्ली से एकत्रित किए गए पानी के सभी 11 नमूनों को गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाया था। रिपोर्ट के अनुसार पाइप के जरिए घरों में पहुंचने वाला जल पीने योग्य नहीं था। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहानिया ने कहा कि हर टीम में चार सदस्य होंगे जो उन 11 स्थानों से भी नमूने एकत्रित करेंगे जहां से बीआईएस ने किया था। शर्मा ने कहा कि इन टीमों में अधिक लोगों को नामित करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को भी पत्र लिखेंगे। 

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जल बोर्ड उपाध्यक्ष ने सोनिया विहार प्लांट का किया निरीक्षण
दरअसल रामविलास पासवान द्वारा राजधानी दिल्ली में पानी की आपूर्ति कर रहे दिल्ली जल बोर्ड के पानी का सेंपल फेल होने तथा पानी को जहरीला बताने के मामले को लेकर दिल्ली में राजनीति आरोप प्रत्यारोप शुरू हो चुका है। मंगलवार को दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने जल बोर्ड के पानी को शुद्ध बताते हुए मीडिया कर्मियों के साथ जल बोर्ड के सोनिया विहार जल संयंत्र स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने इसी प्लांट से पानी के सेंपल को फेल बताया है, जबकि कच्चे पानी का तय मानक के साथ उपचार कर उसे पीने लायक बनाया ज रहा है। 

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गौरतलब है कि 16 नवम्बर को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बीआईएस की रिपोर्ट जारी की थी जिसके अनुसार भारत के 21 प्रमुख शहरों में से दिल्ली में पेयजल की स्थिति सर्वाधिक असुरक्षित थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली में लिए गए पानी के नमूने 28 में से 19 मानकों पर खरे नहीं उतरे थे। केजरीवाल ने सोमवार को केंद्रीय मंत्रियों पर ओछी राजनीति करने और लोगों को डराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली के पानी की गुणवत्ता केवल 11 मानकों पर नहीं जांची जा सकती। दिल्ली जल बोर्ड ने सोमवार को कहा था कि एक जनवरी से 24 सितंबर तक उसने 1,55,302 नमूने एकत्रित किए थे, जिनमें से केवल 2,222 नमूने ही परीक्षण में विफल हुए थे।  


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vasudha

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