ऑफ द रिकॉर्डः प्रधानमंत्री ने दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों में डोभाल को क्यों भेजा?

punjabkesari.in Sunday, Mar 01, 2020 - 08:50 AM (IST)

नेशनल डेस्कः राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल नेउत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों का लगातार 2 दिन दौरा कर स्थिति का खुद आकलन किया, प्रधानमंत्री को इसकी सूचना दी और कार्रवाई रिपोर्ट सौंपी। डोभाल के इस दौरे ने कई अटकलों को हवा दी। पहली प्रतिक्रिया यह थी कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमित शाह से दूरियां बढऩे की शुरूआत है। शाह गत वर्ष जून में गृहमंत्री बनाए गए थे। कहा जा रहा है कि संशोधित नागरिकता कानूून (सी.ए.ए.) लाए जाने के बाद शाह ने जिस तरीके से मसले को संभाला, शाहीन बाग में हालात समझने में नाकामी और उसके बाद शुरू हुए दंगों ने मोदी-शाह में मतभेद पैदा किए। 
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मोदी और डोभाल पुराने खिलाड़ी हैं और शाह के मुकाबले उनका तजुर्बा और उम्र भी अधिक है। दंगा प्रभावित इलाके के दौरे के दौरान डोभाल ने एक जगह लोगों से कहा था कि उन्हें ‘प्रधानमंत्री साहेब’ ने भेजा है और सब अच्छा होगा। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के आदेश पर यहां आए हैं लेकिन उन्होंने ऐसा इसलिए कहा  ताकि किसी तरह का राजनीतिक विवाद शुरू  न हो जाए। गहन विचार-विमर्श के बाद प्रधानमंत्री ने अजीत डोभाल को चुना। 
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शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना था कि कोई आए और उन्हें उनके सवालों के जवाब दे लेकिन कोई नहीं गया और सरकार ने भी किसी को नहीं भेजा। न तो उप राज्यपाल अनिल बैजल और न ही कोई भाजपा सांसद शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से मिलने गया। ये हालात हाथ से फिसल गए और जाफराबाद में दंगे शुरू हो गए तो प्रधानमंत्री ने मामले को अपने हाथों में लेते हुए डोभाल को वहां भेजा जबकि शाह ने हालात की निगरानी की। हालात को ठीक तरह से न संभाल पाने के कारण अमूल्य पटनायक को हटाकर नए पुलिस कमिश्रर एस.एन. श्रीवास्तव को लाया गया। वहीं इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उप राज्यपाल अनिल बैजल शुक्रवार को उपद्रव थमने के बाद दंगा प्रभावित इलाकों में गए।
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Pardeep

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