भारत में कब से शुरू होगी बुलेट ट्रेन सेवा, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया खुलासा

punjabkesari.in Monday, Jun 06, 2022 - 06:17 PM (IST)

नेशनल डेस्कः रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वर्ष 2026 में बिलिमोरा से सूरत के बीच पहली बुलेट-ट्रेन चलाए जाने का भरोसा दिलाने के साथ ही सोमवार को स्पष्ट किया कि मुंबई अहमदाबाद हाईस्पीड रेल परियोजना पूरी होने के बाद ही कोई अन्य हाईस्पीड रेल परियोजना शुरू की जाएगी। वैष्णव ने मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत निर्माणाधीन सूरत स्टेशन की साइट और सूरत एवं नवसारी में कास्टिंग याडरं का निरीक्षण किया। नवसारी यार्ड में वैष्णव के सामने देश में विकसित आधुनिक एवं विशालकाय मशीनों की सहायता से 990 टन वजन का 40 मीटर लम्बा गडर्र दो पाइलों यानी स्तंभों पर स्थापित किया गया। उन्होंने गडर्र निर्माण के विभिन्न चरणों को देखा।

रेल मंत्री ने परियोजना में काम करने वाले इंजीनियरों और साधारण मजदूरों से विशेष रूप से मुलाकात की, उनकी कुशलक्षेम पूछी और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवायीं। दिन की शुरुआत सूरत हाईस्पीड रेलवे स्टेशन की साइट के निरीक्षण के साथ हुई। मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में सबसे पहले सूरत स्टेशन 2024 में बन कर तैयार हो जाएगा जो हीरे की डिजाइन जैसा होगा। वडोदरा का स्टेशन वटवृक्ष की आकृति जैसा होगा। वैष्णव बीच बीच में मीडिया से भी बातचीत करते रहे। उन्होंने कहा कि परियोजना के निर्माण में बहुत अच्छी प्रगति हो रही है। 61 किलोमीटर की लंबाई में वायाडक्ट के स्तंभों का निर्माण हो चुका है जबकि 156 किलोमीटर की दूरी में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।

रेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश में लोगों को अत्याधुनिक विश्व स्तरीय रेल सुविधा एवं सेवा उपलब्ध हों। नई वंदे भारत एक्सप्रेस, कवच संरक्षा प्रणाली, बुलेट ट्रेन उनमें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बुलेट-ट्रेन 130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि सूरत का हाईस्पीड रेल स्टेशन 2024 में तथा इस परियोजना के पहले भाग के रूप में बिलिमोरा से सूरत स्टेशनों के बीच 48 किलोमीटर के खंड में वर्ष 2026 में यह ट्रेन चल जाएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी सबसे पहले मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को पूरा किया जाएगा और उससे जो हम सीखेंगे, उसके आधार पर दूसरी किसी हाईस्पीड रेल परियोजना को क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पहली परियोजना है और इसके क्रियान्वयन में बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।

यह पूछे जाने पर कि आधी अधूरी परियोजना से क्या पूरा सीखा जा सकता है, रेल मंत्री ने कहा कि चीन ने पहली हाईस्पीड रेल परियोजना मात्र 115 किलोमीटर की बनाई थी जिससे सीख कर उसने देश में इतना विशाल हाईस्पीड रेल का नेटवर्क खड़ा कर दिया। अपने यहां वापी से साबरमती के बीच 352 किलोमीटर लंबी लाइन में सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद तीन बड़े शहरों से इतना यातायात होता है कि मुंबई का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। बहुत सारी जानकारियां इसी से प्राप्त हो जाएगीं।

कितना होगा किराया?
बुलेट-ट्रेन के टिकट के मूल्य के विमान के किराये से तुलना को लेकर एक सवाल पर रेल मंत्री ने कहा कि टिकट का मूल्य कम से कम एवं प्रतिस्पर्धी होगा जिससे परिचालन लागत निकल आये। उन्होंने यह भी कहा कि बुलेट ट्रेन की यात्री सेवाएं डिजीटल प्लेटफॉर्म पर होंगी। लोगों को टिकट आदि भी डिजीटल माध्यम से जारी किये जाएंगे। पर्यावरण से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि यह परियोजना पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव डालने वाली है। परियोजना पूरी होने पर आसपास के क्षेत्र को फिर से हरा भरा बना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में अभी करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है और जब निर्माण कार्य पूरे खंड पर शुरू होगा तो पौने दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

कब तक चलेंगी 75 वंदे भारत एक्सप्रेस?
बुलेट ट्रेन से इतर सवालों के जवाब में वैष्णव ने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस के नई पीढ़ी के दो रैक 15 अगस्त के पहले मिल जाएंगे। इसके बाद सितंबर से हर महीने चार से पांच रैक मिलने लगेंगे और अगले साल तक 75 रैक पटरियों पर होंगे। उन्होंने कहा कि पहियों को लेकर भी समाधान मिल गया है। रायबरेली में आरआईएनएल के कारखाने में फोर्ज्ड व्हील बनाने की तैयारी हो रही है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस आत्मनिर्भर भारत की बड़ी पहचान बन गयी है। जापान के सहयोग से बनने वाली इस परियोजना का काम कोविड महामारी के दौरान प्रभावित हुआ था।

परियोजना से जुड़े सूत्रों के अनुसार अक्टूबर नवंबर 2021 से परियोजना के विभिन्न हिस्सों में निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है। वापी से अहमदाबाद के बीच 352 किलोमीटर की लंबाई में सिविल कार्य के सभी 13 पैकेज के ठेके आवंटित कर दिए गए हैं। इस समय करीब 170 किलोमीटर की लंबाई में सिविल कार्य जोरों पर है। बिलिमोरा सूरत खंड पर करीब 39 किलोमीटर की लंबाई में पाइल यानी स्तंभ पूरी तरह से बन चुके हैं और गडर्र बिछाने का काम भी शुरू हो गया है। सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में अड़चनों को देखते हुए तय किया गया है कि दादरा नगर हवेली के वापी से साबरमती तक के गुजरात वाले 352 किलोमीटर के हिस्से को युद्ध स्तर पर बनाया जाए और जब महाराष्ट्र में पर्याप्त जमीन मिल जाए तो तुरंत उसके लिए टेंडर जारी कर दिया जाए। महाराष्ट्र में अभी तक 71 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है।

 


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Content Writer

Yaspal

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