‘आजादी का अमृत महोत्सव': PM मोदी बोले- जब संकल्प के साथ साधना जुड़ जाए...तो नया सवेरा होता है
punjabkesari.in Thursday, Jan 20, 2022 - 12:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रह्म कुमारियों द्वारा आयोजित ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' कार्यक्रम के राष्ट्रीय शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जब संकल्प के साथ साधना भी जुड़ जाती है तो एक नया सवेरा होता है। इस कार्यक्रम में ब्रह्म कुमारियों द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित साल भर चलने वाली पहलों का अनावरण भी किया जिसमें 30 से अधिक अभियान 15,000 से अधिक कार्यक्रम और आयोजन शामिल हैं।
पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश
- हम सभी को, देश के हर नागरिक के हृदय में एक दीया जलाना है- कर्तव्य का दीया। हम सभी मिलकर, देश को कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ाएंगे, तो समाज में व्याप्त बुराइयां भी दूर होंगी और देश नई ऊंचाई पर भी पहुंचेगा।
- आप सभी इस बात के साक्षी रहे हैं कि भारत की छवि को धूमिल करने के लिए किस तरह अलग-अलग प्रयास चलते रहे, इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत कुछ चलता रहता है। इससे हम ये कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि ये सिर्फ राजनीति है, ये राजनीति नहीं है, ये हमारे देश का सवाल है।
- बीते 75 वर्षों में हमने सिर्फ अधिकारों की बात की, अधिकारों के लिए झगड़े, जूझे, समय खपाते रहे। अधिकार की बात, कुछ हद तक, कुछ समय के लिए, किसी एक परिस्थिति में सही हो सकती है लेकिन अपने कर्तव्यों को पूरी तरह भूल जाना, इस बात ने भारत को कमजोर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
- अमृतकाल का ये समय, सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के 25 वर्ष हैं। सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है, ये 25 वर्ष का कालखंड, उसे दोबारा प्राप्त करने का है।
इन पहलों में ‘मेरा भारत स्वस्थ भारत', आत्मनिर्भर भारत : आत्मनिर्भर किसान, महिलाएं : भारत की ध्वजवाहक, शांति बस अभियान की शक्ति, अनदेखा भारत साइकिल रैली, यूनाइटेड इंडिया मोटर बाइक अभियान और स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरित पहल शामिल हैं। मेरा भारत स्वस्थ भारत पहल में मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में विविध आयोजन और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनमें आध्यात्मिकता, कल्याण और पोषण पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में चिकित्सा शिविरों, कैंसर जांच, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए सम्मेलनों के आयोजन आदि शामिल हैं।
आत्मनिर्भर भारत: आत्मनिर्भर किसानों के तहत 75 किसान सशक्तिकरण अभियान, 75 किसान सम्मेलन, 75 सतत यौगिक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम और किसानों के कल्याण के लिए ऐसी ही अनेक पहलों का आयोजन किया जाएगा। एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन के रूप में ब्रह्म कुमारी व्यक्तिगत बदलाव और विश्व नवीकरण के लिए समर्पित है। ब्रह्म कुमारी की स्थापना साल 1937 में हुई थी, जिसका 130 से अधिक देशों में विस्तार हुआ है। यह आयोजन ब्रह्मकुमारियों के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा की 53वीं अधिरोहण वर्षगांठ के अवसर पर हुआ।
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