जब लता जी ने 1983 की जीत के बाद BCCI को संकट से निकाला, भारत के हर स्टेडियम में दीदी के लिए रिजर्व रहती थी सीट

punjabkesari.in Sunday, Feb 06, 2022 - 02:46 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कपिल देव की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने जब लाडर्स की बालकनी पर विश्व कप थामा था तब BCCI के तत्कालीन अध्यक्ष और इंदिरा गांधी सरकार के धाकड़ मंत्री दिवंगत एनकेपी साल्वे के सामने यक्षप्रश्न था कि इस जीत का जश्न मनाने के लिए धन कहां से आएगा। उस समय भारतीय क्रिकेट दुनिया की महाशक्ति नहीं बना था और आज के क्रिकेटरों की तरह धनवर्षा भी उस समय क्रिकेटरों पर नहीं होती थी। आज BCCI के पास पांच अरब डॉलर का टीवी प्रसारण करार है लेकिन तब खिलाड़ियों को बमुश्किल 20 पाउंड दैनिक भत्ता मिलता था। साल्वे ने समाधान के लिए राजसिंह डुंगरपूर से संपर्क किया। उन्होंने अपनी करीबी दोस्त और क्रिकेट की दीवानी लता मंगेशकर से जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम पर एक कन्सर्ट करने का अनुरोध किया ।

 

खचाखच भरे स्टेडियम में लताजी ने दो घंटे का कार्यक्रम किया। BCCI ने उस कन्सर्ट से काफी पैसा एकत्र किया और सभी खिलाड़ियों को एक एक लाख रुपए दिया गया । सुनील वाल्सन ने कहा कि उस समय यह बड़ी रकम थी । वरना हमें दौरे से मिलने वाला पैसा और दैनिक भत्ता बचाकर पैसा जुटाना होता जो 60000 रुपए होता ।'' उन्होंने कहा ,‘‘कुछ लोगों ने हमसे 5000 या 10000 रुपए देने का वादा किया जो काफी अपमानजनक था ।

 

लता जी ने ऐसे समय में यादगार कन्सर्ट किया ।' BCCI उनके इस योगदान को नहीं भूला और सम्मान के तौर पर भारत के हर स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय मैच के दो वीआईपी पास उनके लिए रखे जाते थे। मुंबई के एक वरिष्ठ खेल पत्रकार मकरंद वैंगणकर ने कहा ‘‘ लताजी और उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ब्रेबोर्न स्टेडियम पर हमेशा टेस्ट मैच देखने आते थे। चाहे वह कितनी भी व्यस्त हों, 70 के दशक में हर मैच देखने आती थी।


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Content Writer

Seema Sharma

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