जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने से अंसवैधानिक निर्णय से गहरी अनिश्चितता पैदा हुई: पीएजीडी

punjabkesari.in Tuesday, Aug 24, 2021 - 09:20 PM (IST)

श्रीनगर: गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने मंगलवार को कहा कि 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से गहरी अनिश्चितता और एक 'बड़ा' राजनीतिक शून्य पैदा हुआ है। पीएजीडी जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के छह राजनीतिक दलों का एक गठबंधन है, जो तत्कालीन राज्य की विशेष स्थिति की बहाली चाहता है। पांच अगस्त 2019 को केन्द्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस ले लिया था। इसके बाद उसने तत्कालीन राज्य को विभाजित कर दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का गठन किया था।

 

पीएजीडी व नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के यहां गुपकर स्थित आवास पर हुई बैठक में गठबंधन के घटक दलों ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें अन्य मुद्दों के अलावा इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि दो महीने पहले नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद 'कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं' हुआ है। प्रस्ताव में कहा गया है, '5 अगस्त, 2019 के असंवैधानिक निर्णय ने तत्कालीन राज्य में एक बड़ी राजनीतिक शून्यता और गहरी अनिश्चितता की स्थिति पैदा कर दी है।'

 

गठबंधन ने कहा 'सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि संविधान के उल्लंघन के खिलाफ दाखिल याचिकाएं दो साल बाद भी सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित हैं।' बैठक में पीएजीडी के सदस्यों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल किया जाना चाहिये। प्रस्ताव में दावा किया गया कि दो महीने पहले नयी दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी' के कथन के बाद 'कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं' हुआ है।

 

प्रस्ताव में कहा गया है, 'क्षेत्र के संकटग्रस्त लोगों को कुछ राहत देने के लिए विश्वास बहाली का कोई उपाय नहीं किया गया।'


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Content Writer

Monika Jamwal

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