अडानी पर आरोपों को लेकर विदेश मंत्रालय का बयान, कहा- हमें कोई समन नहीं मिला

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2024 - 08:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिकी अभियोजकों द्वारा उद्योगपति गौतम अडानी और कुछ अन्य पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाए जाने के कुछ दिनों बाद भारत ने शुक्रवार को कहा कि यह निजी कंपनियों और कुछ व्यक्तियों तथा अमेरिकी न्याय विभाग से जुड़ा एक कानूनी मामला है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार को इस मुद्दे के बारे में पहले से सूचित नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘यह निजी कंपनियों और व्यक्तियों तथा अमेरिकी न्याय विभाग से जुड़ा एक कानूनी मामला है। ऐसे मामलों में स्थापित प्रक्रियाएं और कानूनी तरीके हैं, हमारा मानना ​​है कि उनका पालन किया जाएगा।'' जायसवाल अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अडानी और अन्य के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। इस सवाल पर कि क्या अमेरिका ने अडानी मामले पर कोई समन या वारंट भेजा है, उन्होंने कहा कि भारत को ऐसा कोई अनुरोध नहीं मिला है।

अमेरिका की ओर से कोई अनुरोध नहीं मिला
जायसवाल ने कहा, ‘‘किसी विदेशी सरकार द्वारा समन या गिरफ्तारी वारंट की तामील के लिए किया गया कोई भी अनुरोध आपसी कानूनी सहायता का हिस्सा है। ऐसे अनुरोधों की जांच गुण-दोष के आधार पर की जाती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस मामले में अमेरिका की ओर से कोई अनुरोध नहीं मिला है।'' 


बांग्लादेश की स्थिति पर विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत ने बांग्लादेश सरकार के समक्ष हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर खतरों और लक्षित हमलों के मुद्दे को लगातार और मजबूती से उठाया है। अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हम चरमपंथी बयानबाजी में वृद्धि से चिंतित हैं। हिंसा और उकसावे की बढ़ती घटनाओं को केवल मीडिया की अतिशयोक्ति के रूप में खारिज नहीं किया जा सकता। हम बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आह्वान करते हैं।"

चिन्मय की गिरफ्तारी पर क्या बोला भारत?
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और कारावास पर विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम इस्कॉन को सामाजिक सेवा के मजबूत रिकॉर्ड के साथ विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित संगठन के रूप में देखते हैं। जहां तक ​​चिन्मय दास की गिरफ्तारी का सवाल है, हमने उस पर अपना बयान दे दिया है। व्यक्तियों के खिलाफ मामले और कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इन प्रक्रियाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटाया जाएगा, जिससे इन व्यक्तियों और संबंधित सभी लोगों के लिए पूर्ण सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।"

 


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Content Editor

rajesh kumar

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