नंदीग्राम से ममता बनर्जी की हार, भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने 1953 वोटों से हराया
punjabkesari.in Sunday, May 02, 2021 - 06:39 PM (IST)
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस फिर से ऐतिहासिक जीत की ओर कदम बढ़ा रही है, जबकि असम में भाजपा की अगुवाई वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और तमिलनाडु में विपक्षी द्रमुक नीत गठबंधन आगे है। नंदीग्राम में टीएमसी के बागी और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को 1953 वोटों से को हरा दिया, चुनाव आयोग की आंकड़ो के मुताबिक, ममता बनर्जी शुभेंदु अधिकारी से पीछे चल रही हैं। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला चला।वहीं केरल की पलक्कड़ सीट से भाजपा उम्मीदवार मेट्रो मैन ई. श्रीधरन 1 की हार हुई है। चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रद्रेश में वोटों की गिनती रविवार को उस वक्त चल रही है, जब देश कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर संकट का सामना कर रहा है।
LIVE UPDATES
अब तक के रुझानों के अनुसार
- रुझानों के मुताबिक असम में राजग 77 सीटों पर जबकि कांग्रेस गठबंधन 44 सीटों पर आगे है।
- केरल में एलडीएफ वह 93 सीटों पर आगे है जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) 43 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
- बंगाल में तृणमूल कांग्रेस 212 विधानसभा सीटों पर जबकि भाजपा 78 विधानसभा सीटों पर आगे चल रही है।
कौन किससे आगे
- सिंगूर सीट पर, तृणमूल कांग्रेस के मंत्री एवं प्रत्याशी बेचाराम मन्ना पहले चरण की गिनती के बाद अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रबिंद्रनाथ भट्टाचार्य से आगे चल रहे हैं।
- भवानीपुर से टीएमसी के प्रत्याशी, शोभनदेब चट्टोपाध्याय आगे चल रहे हैं और कोलकाता पोर्ट निर्वाचन क्षेत्र से फरहाद हाकिम भी आगे चल रहे हैं।भवानीपुर सीट ममता बनर्जी ने छोड़ी थी।
- तमिलनाडु में जारी मतगणना के शुरुआती रुझान में द्रमुक ने बढ़त बना ली है और सत्तारूढ अन्नाद्रमुक उससे पीछे है।
- द्रमुक नीत गठबंधन 30 और अन्नाद्रमुक 18 सीटों पर आगे है।
- द्रमुक कुरिंजीपड़ी, नेयवेली, विरुधचलम समेत कई सीटों पर आगे है।
क्या थे अनुमान
- मतदान बाद के सर्वेक्षणों में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला दर्शाया गया था और अनुमान लगाया गया था कि यहां किसी की भी सरकार बन सकती है।
- इन सर्वेक्षणों में तमिलनाडु में द्रमुक की वापसी और असम में भाजपा के सत्ता में बने रहने का अनुमान लगाया गया था।
- एग्जिट पोल में असम और केरल में कांग्रेस की हार की संभावना जताई गई थी और अब तक के रुझानों में यही स्थिति बनती दिख रही है।
तमिलनाडु में द्रमुक की अगुवाई और कांग्रेस की मौजूदगी वाले गठबंधन की जीत की संभावना जताई गई थी।
केरल में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की हो सकती है वापसी
केरल में 140 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, उनकी कैबिनेट के 11 सदस्य, विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओम्मन चांडी, भाजपा के राज्य इकाई के प्रमुख के. सुरेंद्रन, ‘मेट्रोमैन’ ई. श्रीधरन और पूर्व केंद्रीय मंत्री के जे अलफोंस सहित 957 उम्मीदवार मैदान में हैं। सभी एक्जिट पोल और चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए जीत का अनुमान जताया गया है लेकिन विपक्षी यूडीएफ ने उम्मीद नहीं छोड़ी है।
तमिलनाडु में कमल हासन भी मैदान में
तमिलनाडु में अभिनेता-नेता कमल हासन के मक्कल निधी मैयम सहित चार गठबंधन मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और मुख्य विपक्षी द्रमुक के बीच है। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन, उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन, अम्मा मक्काल मुनेत्र कझगम के प्रमुख टीटीवी दिनाकरण, एमएनएम के हसन और भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख एल. मुरूगन सहित करीब 4000 उम्मीदवार मैदान में हैं।चुनाव 234 विधानसभा सीटों पर हुए। इसके अलावा कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी हुआ था, जहां कांग्रेस के विजय वसंत और भाजपा के पोन राधाकृष्णन के बीच मुख्य मुकाबला है।
पुडुचेरी में भी कड़ा मुकाबला
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी नीत ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है। एक्जिट पोल में रंगास्वामी नीत मोर्चे की जीत की संभावना जताई गई है।
2,364 केन्द्रों में होगी मतगणना
निर्वाचन आयोग ने कहा कि पांचों सूबों में कुल 2,364 केन्द्रों में मतगणना होगी। साल 2016 में मतगणना केन्द्रों की कुल संख्या 1,002 थी। इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिये चुनाव द्वारा भौतिक दूरी के नियम का पालन किये जाने के चलते मतगणना केन्द्रों की संख्या में 200 प्रतिशत वृद्धि की गई है।मतगणना केन्द्रों की संख्या बढ़ाने का एक और कारण पांचों विधानसभा चुनावों में उपयोग किये गए डाक मतपत्रों की संख्या का बढ़ना भी है।
95 हजार अधिकारी करेंगे मतगणना
सूक्ष्म पर्यवेक्षकों समेत लगभग 95 हजार मतगणना अधिकारी मतगणना का काम करेंगे। मतगणना दिवस को लेकर आयोग द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाए बिना किसी भी उम्मीदवार या उसके एजेंट को मतगणना कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) से प्राप्त जानकारी के अनुसार चार राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने लगभग 1.5 लाख मतगणना एजेंटों और उनके विकल्पों का विवरण दिया है।
नियमों का करना होगा पालन
देश भर में लोकसभा और विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों की मतगणना के दौरान भी इन्हीं नियमों का अनुसरण किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने शनिवार को एक डिजिटल बैठक के जरिये चारों राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ मतगणना व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने आयोग के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया।