उत्तराखंड: सुरंग में फंसे लोगों को बचाने का ऑपरेशन जारी, अब तक 32 शव बरामद...174 लापता

punjabkesari.in Wednesday, Feb 10, 2021 - 09:20 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड के चमोली जिले में तपोवन परियोजना की सुरंग के अंदर भारी गाद होने के कारण वहां फंसे 30-35 लोगों को बचाने की मुहिम की गति कुछ धीमी हो गई जबकि अभी तक आपदा में लापता 32 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। वहीं, 174 अन्य अभी लापता हैं। NTPC के 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की इस घुमावदार सुरंग में बचाव कार्य उस समय धीमा पड़ गया, जब अंदर से भारी मात्रा में गाद निकलने लगी और आगे जाना मुश्किल हो गया।

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बचाव अभियान में लगे अधिकारियों ने बताया कि सुरंग का डिजाइन जटिल है, जिसे समझने के लिए NTPC के अधिकारियों से संपर्क साधा गया है। वहीं, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों का जीवन बचाने के लिए हर मुमकिन प्रयास करेंगे। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एक विशेष कैमरे से सुरंग में फंसे लोगों का पता लगाने का प्रयास भी किया जाएगा। 

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बचाव कार्य में जुटीं एजेंसियां
रविवार को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ़ के बाद से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) के जवान लगातार बचाव और राहत अभियान में जुटे हुए हैं। देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, आपदा ग्रस्त क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से अब तक कुल 32 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 174 अन्य लापता हैं। SDRF ने कहा कि उनके तलाशी दस्ते रैंणी, तपोवन, जोशीमठ, रतूडा, गौचर, कर्णप्रयाग, रूद्रप्रयाग क्षेत्रों में अलकनंदा नदी में लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी में जोशीमठ ब्लॉक के लगभग एक दर्जन गांवों का सड़क से संपर्क टूट गया है जबकि सड़क पुल बह जाने के कारण नीति घाटी के अलग-थलग पड़ गए 13 गांवों में हेलीकॉप्टर के माध्यम से राशन, दवाइयां तथा रोजमर्रा की चीजें पहुंचाई जा रही हैं।

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Content Writer

Seema Sharma

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