उरी में पकड़े गए आतंकी का मां को संदेश- ''कश्मीर के बारे में झूठ बोलता है पाकिस्तान, बहुत अच्छी है भारती सेना''

punjabkesari.in Wednesday, Sep 29, 2021 - 05:12 PM (IST)

जम्मू-कश्मीर- जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में एक लाइव एनकाउंटर के दौरान पकड़े गए आतंकी ने अब तक कई बड़े खुलासे किए हैं। दरअसल, भारतीय सेना द्वारा जिंदा पकड़े गए इस पाकिस्तानी आतंकवादी ने पड़ोसी देश में अपने आकाओं से उसे उसकी मां के पास वापस ले जाने के लिए कहा है।

पाकिस्तानी सेना से मुझे मेरी मां के पास वापस ले जाने की अपील करता हूं
पाकिस्तान के किशोर आतंकवादी अली बाबर पात्रा ने बुधवार को सेना द्वारा जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि मैं लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एरिया कमांडर, आईएसआई और पाकिस्तानी सेना से मुझे मेरी मां के पास वापस ले जाने की अपील करता हूं। उन्होंने ही मुझे यहां (भारत) भेजा था।

 उरी सेक्टर में लाइव एनकाउंटर के दौरान सेना ने पात्रा को किया था गिरफ्तार 
जानकारी के लिए बता दें कि 26 सितंबर को उरी सेक्टर में एक लाइव एनकाउंटर के दौरान सेना ने पात्रा को उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब उसने अपनी जान बख्शने की गुहार लगाई थी। 18 सितंबर से शुरू हुए 9  दिवसीय अभियान में एक और पाकिस्तानी घुसपैठिया मारा गया।

भारतीय सेना ने मेरी अच्छी देखभाल की है
वीडियो संदेश में अली बाबर पात्रा ने कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा कश्मीर की स्थिति के बारे में झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें बताया गया था कि भारतीय सेना रक्तपात कर रही है, लेकिन यहां सब कुछ शांतिपूर्ण है। मैं अपनी मां को बताना चाहता हूं कि भारतीय सेना ने मेरी अच्छी देखभाल की है।

 कश्मीर में शांति है, मैं लाउडस्पीकर पर दिन में पांच बार अजान सुन सकता हूं
उसने यह भी कहा कि भारतीय सेना के अधिकारियों और जवानों का उस शिविर का दौरा करने वाले स्थानीय लोगों के साथ व्यवहार बहुत अच्छा था जहां उन्हें रखा गया था। पात्रा ने कहा कि मैं लाउडस्पीकर पर दिन में पांच बार अजान सुन सकता हूं। भारतीय सेना का व्यवहार पाकिस्तानी सेना के बिल्कुल विपरीत है। इससे मुझे लगता है कि कश्मीर में शांति है। 

आर्थिक स्थिति के कारण मैं लश्कर-ए-तैयबा के साथ गया
आतंकी पात्रा ने कहा कि उसने सात साल पहले अपने पिता को खो दिया था और आर्थिक तंगी के कारण उसे स्कूल छोड़ना पड़ा था। उसने कहा कि मैंने सियालकोट में एक कपड़ा कारखाने में नौकरी की, जहां मैं अनस से मिला, जो लश्कर-ए-तैयबा के लिए लोगों की भर्ती करता था। मेरी आर्थिक स्थिति के कारण, मैं उसके साथ गया। उसने मुझे 20,000 रुपये का भुगतान किया और बाद में 30,000 रुपए का भुगतान करने का वादा किया।


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Content Writer

Anu Malhotra

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